धौलपुर-श्रीगंगानगर की हवा सबसे खराब, तंजावुर सबसे बेहतर, जाने आपके शहर का हाल

विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के 37 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 54 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 10 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
जागरुकता के अभाव में बिना मास्क काम करने वाले मजदूर जाने अनजाने सिलिकोसिस की जद में आ सकते हैं
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देश में आज राजस्थान के धौलपुर शहर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 218 पर पहुंच गया। इस दौरान धौलपुर की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी थे।

यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो धौलपुर में प्रदूषण 384 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल कुड्डालोर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई बढ़कर 234 तक पहुंच गया था। हालांकि कल से कुड्डालोर की हवा में 204 अंकों का सुधार आया है, जिसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता खराब से साफ में बदल गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 अगस्त को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के 37 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 54 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 10 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

रुझानों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में श्रीगंगानगर (206) दूसरे जबकि छपरा (169) तीसरे स्थान पर है। हालांकि छपरा में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इसी तरह 153 अंकों के साथ धनबाद चौथे, जबकि सुआकाती (141) पांचवें पायदान पर है। गुम्मिडिपूंडी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 139 अंकों के साथ आज छठे स्थान पर है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज दौसा (133), विशाखापत्तनम (133), चुरू (125) और जयपुर (120) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज देश में राजस्थान के शहरों की स्थिति सबसे खराब है। आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से पांच राजस्थान के हैं।

गौरतलब है कि आज जहां धौलपुर, दौसा, विशाखापत्तनम, चुरू, जयपुर, जैसलमेर, नागौर, टोंक, बूंदी, बीकानेर, पीथमपुर, चंद्रपुर, पाली आदि शहरों में पीएम10 हावी है। वहीं श्रीगंगानगर, छपरा, गुम्मिडिपूंडी, नंदेसरी, चित्तूर, बिलीपाड़ा आदि की हवा पीएम2.5 से चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह देश के कई शहरों में ओजोन, कार्बन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक भी हावी हैं।

इन शहरों के उलट आज देश में तंजावुर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर धौलपुर की तुलना तंजावुर से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है।

तंजावुर की तरह ही आज देश के 81 अन्य शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावेरी, होसुर, हुबली, जबलपुर, जालंधर, कांचीपुरम, करौली, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोल्हापुर, कोल्लम, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नवी मुंबई, ऊटी आदि शामिल हैं।

हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में कोई बदलाव नहीं हुआ है और दिल्ली की हवा आज  भी संतोषजनक बनी हुई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश में छोटे बड़े 120 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, दिल्ली, देवास, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ आज देश के 20 शहरों  में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बरेली, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, चंद्रपुर, छपरा, चित्तूर, चुरू, दौसा, धनबाद, गुम्मिडिपूंडी, जयपुर, जैसलमेर, नागौर, नंदेसरी, पाली, पीथमपुर, सुआकाती, टोंक, विशाखापत्तनम शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 82 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 02 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 124 दर्ज किया गया था।

20 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में धौलपुर (218) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल कुड्डालोर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज धनबाद चौथे स्थान पर है, वहीं श्रीगंगानगर (206) दूसरे, जबकि छपरा (169) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 68, गाजियाबाद में 82, गुवाहाटी में 36, हापुड में 69, नोएडा में 68, ग्रेटर नोएडा में 87 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 70, चेन्नई में 82, चंडीगढ़ में 60, हैदराबाद में 90, जयपुर में 120 और पटना में 53 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 82 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावेरी, होसुर, हुबली, जबलपुर, जालंधर, कांचीपुरम, करौली, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोल्हापुर, कोल्लम, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नवी मुंबई, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, समस्तीपुर, शिलांग, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अररिया, अरियालूर, बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, दिल्ली, देवास, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करूर, कटनी, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 120 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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