प्रदूषण में गिरावट के बावजूद महज पांच फीसदी शहरों में साफ है हवा, ओड़िशा के नयागढ़ में स्थिति सबसे खराब

देश में ओडिशा के नयागढ़ में प्रदूषण सबसे ज्यादा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद बारबिल की हवा सबसे खराब है
प्रदूषण में गिरावट के बावजूद महज पांच फीसदी शहरों में साफ है हवा, ओड़िशा के नयागढ़ में स्थिति सबसे खराब
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क्या आप जानते हैं कि देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के कई छोटे बड़े शहरों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, हालांकि इसके बावजूद देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में मैहर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ देश में ओडिशा के नयागढ़ में प्रदूषण सबसे ज्यादा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ देश में ओडिशा के नयागढ़ में प्रदूषण सबसे ज्यादा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया है। इसके बाद बारबिल की हवा सबसे खराब है, जो प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 231 रिकॉर्ड किया गया है। 227 अंकों के साथ अहमदनगर तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा।

मेघालय के बर्नीहाट में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो प्रदूषण के मामले में आज चौथे स्थान पर है, वहां एक्यूआई 227 रिकॉर्ड किया गया है। सिलीगुड़ी     में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक 224 पर बना हुआ है।

चरखी दादरी जहां कल हवा सबसे ज्यादा खराब थी, वो आज प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर है, जहां सूचकांक 216 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुवाहाटी, रामनगर, हनुमानगढ़ और बक्सर शामिल थे।

बता दें कि देश के छह फीसदी शहरों में हवा 'खराब' है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के ऊपर बना हुआ है। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश के 12 यानी पांच फीसदी शहरों की हवा साफ है।

रुझानों के मुताबिक देश में मैहर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 31 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नयागढ़ की तुलना मैहर से करें तो वहां स्थिति सात गुणा ज्यादा खराब है।

मैहर की तरह ही देश के जिन 10 अन्य शहरों में हवा साफ है, उनमें हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, शिवमोगा, तिरुनेलवेली, उज्जैन आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में अमृतसर सहित 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। 15 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 138 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 47 अंकों का उछाल आया है, जहां सूचकांक 150 पर पहुंच गया है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 126 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झांसी, कल्याण, करौली, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, राउरकेला, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिंगरौली आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता श्रेणी वाले शहरों में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 58 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 37 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया।

128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नयागढ़ (234) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल चरखी दादरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 267 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 15 अंकों के सुधार के साथ 138 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में सुधार के बावजूद वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं बारबिल (231) दूसरे, जबकि अहमदनगर (227) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 158, गुरुग्राम में 128, नोएडा में 119, ग्रेटर नोएडा में 137 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 129 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 120, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 81, हैदराबाद में 101, जयपुर में 113 और पटना में 129 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, चामराजनगर, कुड्डालोर, दमोह, हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, शिवमोगा, तिरुनेलवेली, उज्जैन शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बागलकोट, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, हल्दिया, हापुड, होसुर, इंदौर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

क्या आप जानते हैं कि देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के कई छोटे बड़े शहरों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, हालांकि इसके बावजूद देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में मैहर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ देश में ओडिशा के नयागढ़ में प्रदूषण सबसे ज्यादा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ देश में ओडिशा के नयागढ़ में प्रदूषण सबसे ज्यादा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया है। इसके बाद बारबिल की हवा सबसे खराब है, जो प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 231 रिकॉर्ड किया गया है। 227 अंकों के साथ अहमदनगर तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा।

मेघालय के बर्नीहाट में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो प्रदूषण के मामले में आज चौथे स्थान पर है, वहां एक्यूआई 227 रिकॉर्ड किया गया है। सिलीगुड़ी     में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक 224 पर बना हुआ है।

चरखी दादरी जहां कल हवा सबसे ज्यादा खराब थी, वो आज प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर है, जहां सूचकांक 216 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुवाहाटी, रामनगर, हनुमानगढ़ और बक्सर शामिल थे।

बता दें कि देश के छह फीसदी शहरों में हवा 'खराब' है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के ऊपर बना हुआ है। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश के 12 यानी पांच फीसदी शहरों की हवा साफ है।

रुझानों के मुताबिक देश में मैहर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 31 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नयागढ़ की तुलना मैहर से करें तो वहां स्थिति सात गुणा ज्यादा खराब है।

मैहर की तरह ही देश के जिन 10 अन्य शहरों में हवा साफ है, उनमें हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, शिवमोगा, तिरुनेलवेली, उज्जैन आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में अमृतसर सहित 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। 15 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 138 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 47 अंकों का उछाल आया है, जहां सूचकांक 150 पर पहुंच गया है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 126 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झांसी, कल्याण, करौली, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, राउरकेला, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिंगरौली आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता श्रेणी वाले शहरों में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 58 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 37 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया।

128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नयागढ़ (234) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल चरखी दादरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 267 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 15 अंकों के सुधार के साथ 138 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में सुधार के बावजूद वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं बारबिल (231) दूसरे, जबकि अहमदनगर (227) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 158, गुरुग्राम में 128, नोएडा में 119, ग्रेटर नोएडा में 137 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 129 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 120, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 81, हैदराबाद में 101, जयपुर में 113 और पटना में 129 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, चामराजनगर, कुड्डालोर, दमोह, हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, शिवमोगा, तिरुनेलवेली, उज्जैन शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बागलकोट, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, हल्दिया, हापुड, होसुर, इंदौर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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