प्रदूषण में भी देश की 'राजधानी' है दिल्ली, सिंगरौली-जैसलमेर में भी ‘बेहद खराब’ है वायु गुणवत्ता

आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां देश में पांच फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 66 फीसदी में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक बना हुआ है
मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी मृत्यु दर काफी ज्यादा है।
मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी मृत्यु दर काफी ज्यादा है। फोटो साभार: विकास चौधरी, सीएसई
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दिल्ली में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, इसके बावजूद राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अन्य सभी शहरों की तुलना में दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 339 दर्ज किया गया।

दिल्ली की तरह ही देश में सिंगरौली और जैसलमेर की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। सिंगरौली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 रिकॉर्ड किया गया। वहीं जैसलमेर में भी एक्यूआई 323 पर बना हुआ है।

राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 73 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में अगरतला सहित 36 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया है। इनमें अगरतला, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बालासोर, बैरकपुर, बेलापुर, भागलपुर, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, कटक, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, मंडीदीप, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रोहतक, राउरकेला, सासाराम, तालचेर, वापी, विशाखापत्तनम आदि शहर शामिल हैं।

कल से इन शहरों की संख्या में तीन फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है।

वहीं देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश में दस अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इनमें कलबुर्गी, कांचीपुरम, मदिकेरी, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 35 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना देश के सबसे साफ शहर आइजोल से करें तो वहां हवा 16 गुणा ज्यादा खराब है।

देश में अजमेर सहित 70 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में झांसी, कडपा, कन्नूर, करूर, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश आदि शामिल हैं। हालांकि कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जहां 134 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 पर पहुंच गया। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 118 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, देहरादून, धनबाद, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, जयपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, लखनऊ, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचकुला, परभनी, पीथमपुर, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सहरसा, सांगली, सीकर, सिरोही, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां देश में पांच फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 66 फीसदी में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। इसी तरह 30 फीसदी शहरों में हालात संतोषजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 239 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 68 दर्ज किया गया था।

118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (339) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 379 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 39 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज घटकर 339 पर पहुंच गया, हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी हुई है।

गौरतलब है कि नवंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मंडीदीप चौथे स्थान पर है, वहीं सिंगरौली (324) दूसरे, जबकि जैसलमेर (323) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 212, गुरुग्राम में 216, नोएडा में 206, ग्रेटर नोएडा में 160 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 162 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 159, चेन्नई में 152, चंडीगढ़ में 238, हैदराबाद में 116, जयपुर में 142 और पटना में 219 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, चामराजनगर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, मदिकेरी, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बागपत, बठिंडा, बेलगाम, बेतिया, भरतपुर, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हावेरी, हुबली, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झांसी, कडपा, कन्नूर, करूर, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 71 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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