सुधार के बावजूद देश के आधे शहरों में संकट में सांसें: बहादुरगढ़ सबसे प्रदूषित, शिलांग सबसे साफ

जमकर आतिशबाजी से बिगड़ी वायु गुणवत्ता, बहादुरगढ़ में डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,050 फीसदी अधिक प्रदूषण
देश के कई शहरों  में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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सारांश
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, देश के 51 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है।

  • बहादुरगढ़ सबसे प्रदूषित शहर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 325 तक पहुंच गया है। वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,060 फीसदी अधिक है

  • वहीं, शिलांग सबसे साफ शहर है। हालांकि, साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 23.5 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो एक सकारात्मक संकेत है।

  • अच्छी खबर यह है कि आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी की कमी आई है। वहीं दूसरी तरफ बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल से करीब 65 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई

  • राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 305 पर पहुंच गया।

  • फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां तीन अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 198 पर पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 33 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 51 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।

रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 23.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी करीब 15 फीसदी का इजाफा देखा गया है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 5.1 फीसदी की गिरावट आई है।

अच्छी खबर यह है कि आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी की कमी आई है। वहीं दूसरी तरफ बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल से करीब 65 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जोकि राहत की खबर है।

देश में मौसम के बदलाव के साथ त्यौहारों की धमक भी हवा पर साफ तौर पर दिखने लगी है। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के मौके पर जमकर हुई आतिशबाजी ने हवा को एक बार फिर जहरीला बना दिया। हालात यह हैं कि दो दिन बाद भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं है। आज प्रदूषण के मामले में हरियाणा का बहादुरगढ़ पहले स्थान पर है, जहां बढ़ता प्रदूषण पूरी तरह हावी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 325 पर पहुंच गया है।

मतलब की वहां वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

बहादुरगढ़ में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,060 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता का स्तर 269 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 56 अंकों का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 13 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 24 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 305 पर पहुंच गया। दिल्ली में हालात इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,930 फीसदी अधिक प्रदूषित है।

वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां तीन अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 198 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में धारूहेड़ा (322) दूसरे जबकि धौलपुर (311) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 305 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। नंदेसरी-जींद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 300 से अधिक अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मेरठ (300) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज रोहतक (299), मुजफ्फरनगर (295) और फतेहाबाद (286) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, जींद, रोहतक, फतेहाबाद) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, धौलपुर, दिल्ली, नंदेसरी, जींद, मेरठ, रोहतक, मुजफ्फरनगर, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, बुलन्दशहर, नोएडा, चरखी दादरी, करौली, मंडी गोबिंदगढ़, भरतपुर, बागपत, टोंक, सवाई माधोपुर, अम्बाला, पानीपत, गाजियाबाद, पंचकुला, सागर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, ग्वालियर, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, जालंधर, मानेसर, कानपुर, सोनीपत, गुरूग्राम, कोटा, भिवानी, फरीदाबाद, दौसा, झालावाड़, पीथमपुर, रूपनगर, अमृतसर, पटना, लखनऊ, भीलवाड़ा, करनाल, अंगुल, देवासआदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।

बीकानेर, खुर्जा, श्रीगंगानगर, किशनगंज, मैहर, सीकर, सिंगरौली, जालौर, जैसलमेर, चुरू, क्योंझर, सिरसा, रतलाम, सासाराम, धनबाद, वृंदावन, पटियाला, तालचेर, गोरखपुर, बिलीपाड़ा, कटनी, वाराणसी, तिरुपति, बांसवाड़ा, गया आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 16 फीसदी यानी 42 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में गंगटोक, हुबली, कांचीपुरम, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नांदेड़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उडुपी आदि शामिल हैं।  

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 23.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 14.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें चेन्नई, छपरा, चित्तूर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, दुर्गापुर, एलूर, गडग, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, कटिहार, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बूंदी, चंडीगढ़, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, लखनऊ, मैहर, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, पाली, पलवल, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, समस्तीपुर, सासाराम, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, श्रीगंगानगर, तालचेर, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 5.1 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी करीब 12.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जोकि राहत की खबर है।

आज देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें अम्बाला, बागपत, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, जालंधर, कानपुर, करौली, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, पानीपत, रोहतक, सागर, सवाई माधोपुर, सोनीपत, टोंक शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 6 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, दिल्ली, धारूहेड़ा, धौलपुर, जींद, नंदेसरी शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 65 फीसदी की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 262 में से 42 शहरों (23.5 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 86 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 22 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 75 दर्ज किया गया था।

94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बहादुरगढ़ (325) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। कल धारूहेड़ा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 379 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में 48 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 305 पर पहुंच गया है। मतलब की सुधार के बावजूद कल की तरह आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी हुई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में तीन अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही एक्यूआई घटकर 198 पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं धारूहेड़ा (322) दूसरे, जबकि धौलपुर (311) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 241, गाजियाबाद में 252, गुवाहाटी में 82, गुरूग्राम में 208, नोएडा में 276, ग्रेटर नोएडा में 280 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 108 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 185, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 122, हैदराबाद में 69, जयपुर में 139 और पटना में 186 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 42 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, डिंडीगुल, गंगटोक, हुबली, कांचीपुरम, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नांदेड़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उडुपी, वेल्लोर, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भिवंडी, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, दुर्गापुर, एलूर, गडग, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, कटिहार, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पुणे, रायपुर, रायरंपुर, राजगीर, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तुमिडीह, वापी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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