सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब', कैसा है अन्य शहरों में हाल

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 37 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
देश के कई शहरों  में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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आज दिल्ली-बागपत प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 16 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 278 दर्ज किया गया है, जो दर्शाता है कि इन शहरों की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

रुझानों पर नजर डालें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। हालांकि राहत की बात यह रही कि देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब नहीं रही। इस दौरान बागपत, दिल्ली दोनों शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे।

वहीं प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम (267) दूसरे जबकि सासाराम (252) तीसरे स्थान पर है। लखनऊ (240) अंकों के साथ चौथे, जबकि नोएडा पांचवें स्थान पर है।

गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 227 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरनगर, बद्दी, राजगीर, और ग्रेटर नोएडा भी शामिल हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो अगरतला सहित छोटे बड़े 74 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चुरू, दौसा, धनबाद, धौलपुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना आदि शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 24 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा खराब है।

तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 37 अन्य शहरों में हवा साफ है। इनमें किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पूर्णिया, रामनगर, सहरसा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तंजावुर आदि शहर शामिल हैं। राहत की बात यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 31 फीसदी का इजाफा हुआ है।

देश में बदलापुर सहित 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, जोधपुर, कांचीपुरम, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से देश में इन शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 37 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। दूसरी तरफ 46 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 38 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 मई 2025 को यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था।

74 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बागपत (278) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल झुंझुनूं में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 337 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 14 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 278 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज लखनऊ चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (267) दूसरे, जबकि सासाराम (252) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 118, गाजियाबाद में 227, गुवाहाटी में 45, गुरूग्राम में 267, नोएडा में 240, ग्रेटर नोएडा में 191 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 75 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 240, चेन्नई में 103, चंडीगढ़ में 104, हैदराबाद में 78, जयपुर में 120 और पटना में 128 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बेलगाम, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, गुवाहाटी, हुबली, जलगांव, कलबुर्गी, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पूर्णिया, रामनगर, सहरसा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद महाराष्ट्र), बदलापुर, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, जोधपुर, कांचीपुरम, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिरोही, श्री विजया पुरम, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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