दिल्ली को पीछे छोड़ बहादुरगढ़-हाजीपुर में हवा कहीं ज्यादा प्रदूषित है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 420 के पार हैं। हालांकि दिल्ली भी प्रदूषण के मामले में कहीं ज्यादा पीछे नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 419 दर्ज किया गया है।
वहीं कल के मुकाबले देखें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कल से 41 अंकों का सुधार आया है। मतलब की इन तीनों शहरों में ही गैस चैम्बर जैसे हालात बने हुए हैं, जहां प्रदूषण आपात स्थिति में बना हुआ है। बता दें कि कल दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 460 तक पहुंच गया था।
आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली में पिछले पांच दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' बना हुआ है। वहीं इस महीने एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जिसे स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित कहा जा सके। हालांकि कल के मुकाबले देश के कुछ शहरों में प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है। इसके बाद देश में 'गंभीर' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या छह से घटकर तीन रह गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पिछले 24 घंटों के लिए जो आंकड़े साझा किए गए हैं, उनके मुताबिक देश में छोटे-बड़े 14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है। इन शहरों में भिवाड़ी, चरखी दादरी, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, मानेसर, नारनौल, नोएडा, रोहतक, सिंगरौली, सिरसा, और सोनीपत शामिल हैं। इन सभी शहरों में हवा इतनी ज्यादा खराब है कि वो वहां रहने वाले लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। इस बीच राहत की बात यह रही कि देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से वहां प्रदूषण में 61 अंकों की भारी गिरावट आई है, जिसके बाद सूचकांक 259 पर पहुंच गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' से 'खराब' पर आ गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 53 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' है।
इन शहरों में अहमदनगर, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बागपत, बल्लभगढ़, बारां, बैरकपुर, बेतिया, भागलपुर, भिवानी, भोपाल, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चुरू, धारूहेड़ा, धुले, दुर्गापुर, फरीदाबाद, ग्वालियर, हिसार, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कानपुर, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राजगीर, सासाराम, सवाई धोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, सूरत, तालचेर, टोंक शामिल हैं। देखा जाए तो कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।
इन शहरों के विपरीत देश में एक बार फिर आइजोल में हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 26 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के 11 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ है। इन शहरों में कांचीपुरम, कोलार, मंगलौर, नगांव, नलबाड़ी, शिलांग, तंजावुर, त्रिशूर आदि शहर शामिल हैं। राहत की बात यह रही की देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।
इसी तरह देश के 46 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में गुवाहाटी, हुबली, इंदौर, कलबुर्गी, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, ऊटी आदि शामिल हैं। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दस फीसदी की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 128 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देवास, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हैदराबाद, जैसलमेर, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, करौली, करनाल, करूर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पलवल, पंचकुला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर और यमुनानगर शामिल हैं।
कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
कुल मिलकर देखें तो देश में कल से वायु गुणवत्ता में सुधार जरूर आया है। हालांकि इसके बावजूद देश के महज पांच फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है, जबकि दूसरी तरफ 77 फीसदी से भी ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं करीब 18 फीसदी शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 257 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 46 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 51 दर्ज किया गया था। 128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में बहादुरगढ़ (423) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया। हालांकि कल दिल्ली में हवा कहीं ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई 460 दर्ज किया गया था। कल से दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 41 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बावजूद आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' स्तर पर बना हुआ है।
मतलब की इस महीने में लगातार 20 दिनों से दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। वहीं पिछले पांच दिनों से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार बना हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 259, गाजियाबाद में 328, गुरुग्राम में 374, नोएडा में 304, ग्रेटर नोएडा में 304 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 140 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 290, चेन्नई में 112, चंडीगढ़ में 201, हैदराबाद में 114, जयपुर में 246 और पटना में 264 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कांचीपुरम, कोलार, मंगलौर, नगांव, नलबाड़ी, शिलांग, तंजावुर, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल रहे।
वहीं अनंतपुर, अरियालूर, आरा, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, देहरादून, धारवाड़, गडग, गुवाहाटी, हुबली, इंदौर, कलबुर्गी, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, विजयवाड़ा आदि 46 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।