बढ़ते प्रदूषण से गैस चैम्बर में तब्दील हुई दिल्ली, लगातार दूसरे दिन आपात स्थिति में पहुंचा एक्यूआई

दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 424 रिकॉर्ड किया गया है, जोकि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों से 2700 फीसदी अधिक है
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
Published on

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा। हालत यह हैं कि बढ़ते प्रदूषण से दिल्ली एक बार फिर गैस चैम्बर में तब्दील हो गई है। आंकड़ें के मुताबिक आज लगातार दूसरे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार रहा।

दिल्ली में कल जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 418 दर्ज किया गया था, वो आज छह अंक बढ़कर 424 पर पहुंच गया। यदि नवंबर की बात करें तो इस महीने एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित रही हो। वहीं दीवाली के बाद से तो दिन-प्रतिदिन स्थिति और खराब होती जा रही है।

ऐसा नहीं है कि देश में बढ़ता प्रदूषण सिर्फ राजधानी दिल्ली तक सीमित है। दिल्ली की तरह ही चंडीगढ़ में भी प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति तक पहुंच गया है, जहां एक्यूआई 412 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं कल सूचकांक 372 दर्ज किया गया था।

दिल्ली-चंडीगढ़ के बाद देश में सहरसा (377), गाजियाबाद (356), हापुड (348), नोएडा (347) आदि 11 शहरों में स्थिति बेहद खराब है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है। बता दें कि देश के सबसे प्रदूषित शहरों में भिवाड़ी, अमृतसर, दुर्गापुर, गुरूग्राम, बैरकपुर, पंचकुला, और रूपनगर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 58 फीसदी की गिरावट आई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी हालात कुछ खास अच्छे नहीं हैं। वहां कल से प्रदूषण में आठ अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद सूचकांक बढ़कर 270 तक पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'खराब' है। देश में फरीदाबाद की तरह ही छोटे बड़े 56 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' है।

इनमें अररिया, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बठिंडा, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बुलन्दशहर, चुरू, देहरादून, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, जींद, कैथल, कानपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोलकाता, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नारनौल, पूर्णिया, राजगीर, सागर, समस्तीपुर, सीकर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, तालचेर, टोंक और  यमुनानगर शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आज मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक दस दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 43 गुणा ज्यादा खराब है। देश में मदिकेरी की तरह 37 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है।

इन शहरों में शिलांग, शिवमोगा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही की देश में कल से साफ हवा वाले इन शहरों की संख्या में 23 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 20 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या घटकर 44 रह गई। बता दें कि देश में रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सांगली, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, उडुपी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दूसरी तरफ देश में छोटे बड़े 98 शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अम्बाला, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, देवास, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कल्याण, करौली, करनाल, काशीपुर, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, महाड, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायचुर, रायरंगपुर, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिवान, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, वृंदावन शामिल हैं।

हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 249 में से 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 44 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 55 दर्ज किया गया था। 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (424) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया है। कल भी प्रदूषण से दिल्ली में हालात गंभीर थे, जब एक्यूआई 418 दर्ज किया गया था। इसका मतलब दिल्ली में आज भी हवा ‘गंभीर’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 270, गाजियाबाद में 356, गुरुग्राम में 318, नोएडा में 347, ग्रेटर नोएडा में 264 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 138 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 258, चेन्नई में 44, चंडीगढ़ में 412, हैदराबाद में 93, जयपुर में 169 और पटना में 192 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, हुबली, कांचीपुरम, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, नगांव, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रानीपेट, शिलांग, शिवमोगा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अमरावती, अमरावती, आरा, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, छाल, चित्तूर, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, हैदराबाद, जबलपुर, कलबुर्गी, क्योंझर, कोलार, कोरबा, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, नलबाड़ी, नयागढ़, पीथमपुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सांगली, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, उडुपी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 44 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in