दिल्ली में फिर एक्यूआई 300 के पास, हनुमानगढ़-दुर्गापुर में प्रदूषण से ज्यादा बिगड़े हैं हालात

प्रदूषण के मामले में आज देश में हनुमानगढ़ की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 309 रिकॉर्ड किया गया
देश के सात फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ 68 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं; फोटो: आईस्टॉक
देश के सात फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ 68 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं; फोटो: आईस्टॉक
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दिल्ली को बढ़ते प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही। जहां कल दिल्ली के प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं आज फिर 89 अंकों के भारी उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के करीब पहुंच गया। गौरतलब है कि आज दिल्ली में एक्यूआई 288 दर्ज किया गया है।

प्रदूषण के मामले में आज देश में हनुमानगढ़ की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 309 रिकॉर्ड किया गया है। प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर दूसरे स्थान पर रहा, जहां सूचकांक 292 दर्ज किया गया है। वहीं प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली तीसरे स्थान पर है। गौरतलब है कि कल दुर्गापुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 रिकॉर्ड किया गया था।

दिल्ली की तरह ही आज देश के 36 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अगरतला, अंगुल, आसनसोल, बहादुरगढ़, बालासोर, बेतिया, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, डूंगरपुर, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, कटिहार, कोटा, मानेसर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, सहरसा, सीकर, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, टोंक, विशाखापत्तनम शामिल हैं। 

चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 42 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आज कांचीपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना कांचीपुरम से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है। कांचीपुरम की तरह ही देश के छोटे बड़े 18 अन्य शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, हावेरी, कांचीपुरम, कोलार, मदिकेरी, मदुरै, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 36 फीसदी का इजाफा हुआ है।

अजमेर की तरह ही देश के 62 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सांगली, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, उडुपी, वातवा, वेल्लोर, विरुधुनगर आदि शहर शामिल हैं।

हालांकि कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 32 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

ताजा रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के 137 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सोनीपत, ठाणे, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, विरार, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम हवा वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के सात फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ 68 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। दूसरी तरफ देश के 24 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक दर्ज की गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 256 में से महज 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 62 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 दिसंबर को यह आंकड़ा 91 दर्ज किया गया था। 137 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हनुमानगढ़ (309) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दुर्गापुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 89 अंकों का भारी उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 'खराब' श्रेणी में पहुंच गया।

इसी तरह पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज हावड़ा चौथे स्थान पर है, वहीं दुर्गापुर (292) दूसरे, जबकि दिल्ली (288) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 106, गाजियाबाद में 186, गुरुग्राम में 260, नोएडा में 198, ग्रेटर नोएडा में 252 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 137 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 198, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 229, हैदराबाद में 95, जयपुर में 172 और पटना में 275 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, हावेरी, कांचीपुरम, कोलार, मदिकेरी, मदुरै, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अलवर, अनंतपुर, आरा, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बीदर, बिलासपुर, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कारवार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, नाहरलगुन, नंदेसरी, पलवल, पंचकुला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सांगली, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, उडुपी, वातवा, वेल्लोर, विरुधुनगर आदि 62 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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