दिल्ली-गुरूग्राम में सर्दी के साथ प्रदूषण की पड़ रही दोहरी मार, फरीदाबाद में भी हवा जहरीली

रुझानों पर नजर डालें तो जहां देश के करीब 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 65 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
दिल्ली की बढ़ती सर्दी में आग की मदद से अपने आप को गर्म रखने का प्रयास करते लोग; फोटो: आईस्टॉक
दिल्ली की बढ़ती सर्दी में आग की मदद से अपने आप को गर्म रखने का प्रयास करते लोग; फोटो: आईस्टॉक
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दिल्ली वालों को अभी प्रदूषण से राहत नहीं है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में एक बार फिर वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' दर्ज किया गया, जिसमें कल से आठ अंकों की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 353 तक पहुंच गया है।

कमोबेश ऐसी ही स्थिति गुरूग्राम की भी है, जहां सूचकांक 349 दर्ज किया गया।

वहीं प्रदूषण के मामले में जालौर (343) तीसरे, जबकि पाली (337) चौथे स्थान पर रहा। नोएडा और सिरोही भी ज्यादा पीछे नहीं हैं, जहां एक्यूआई 329 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े छह अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में चुरू, भीलवाड़ा, सिंगरौली, बूंदी, हाजीपुर और वापी शामिल रहे।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दिल्ली से सटे शहर फरीदाबाद की बात करें तो कल से वहां भी प्रदूषण में 65 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 278 पर पहुंच गया।

फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 48 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, कटक, धनबाद, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, हल्दिया, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, कटिहार, कोटा, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नंदेसरी, पटना, पूर्णिया, राजसमंद, रोहतक, सागर, सहरसा, सीकर, टेन्सा, टोंक, उदयपुर शामिल हैं। हालांकि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।

दूसरी तरफ देश में चिकबलपुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना चिकबलपुर से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है।

चिकबलपुर की तरह ही देश के 29 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हुबली, कलबुर्गी, कोप्पल आदि शहर शामिल हैं। राहत की बात यह रही की देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अलवर सहित 48 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इनमें धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गंगटोक, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, नांदेड़, पंचकुला, परभनी, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 27 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

अहमदाबाद की तरह ही देश के 81 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अंगुल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, छपरा, चित्तौड़गढ़, दमोह, दौसा, देवास, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जालंधर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, तुमकुरु, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं। 

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

ऐसे में रुझानों पर नजर डालें तो जहां देश के करीब 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 65 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह छोटे बड़े करीब 22 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से महज 30 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 दिसंबर को यह आंकड़ा 66 दर्ज किया गया था।

82 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (353) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 345 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में आठ अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज भी ‘बेहद खराब’ बना हुआ है।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पाली चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (349) दूसरे, जबकि जालौर (343) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 278, गाजियाबाद में 262, गुरुग्राम में 349, नोएडा में 329, ग्रेटर नोएडा में 260 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 154 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 171, चेन्नई में 36, चंडीगढ़ में 225, हैदराबाद में 66, जयपुर में 220 और पटना में 262 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 30 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हुबली, कलबुर्गी, कोप्पल, मदिकेरी, मैसूर, पुदुचेरी, शिवमोगा, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, उडुपी, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अलवर, अमरावती, अमरावती, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, छाल, चित्तूर, धारवाड़, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गंगटोक, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, नांदेड़, पंचकुला, परभनी, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सांगली, सतना, सिलचर, सोलापुर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 48 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

दिल्ली वालों को अभी प्रदूषण से राहत नहीं है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में एक बार फिर वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' दर्ज किया गया, जिसमें कल से आठ अंकों की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 353 तक पहुंच गया है।

कमोबेश ऐसी ही स्थिति गुरूग्राम की भी है, जहां सूचकांक 349 दर्ज किया गया।

वहीं प्रदूषण के मामले में जालौर (343) तीसरे, जबकि पाली (337) चौथे स्थान पर रहा। नोएडा और सिरोही भी ज्यादा पीछे नहीं हैं, जहां एक्यूआई 329 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े छह अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में चुरू, भीलवाड़ा, सिंगरौली, बूंदी, हाजीपुर और वापी शामिल रहे।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दिल्ली से सटे शहर फरीदाबाद की बात करें तो कल से वहां भी प्रदूषण में 65 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 278 पर पहुंच गया।

फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 48 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, कटक, धनबाद, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, हल्दिया, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, कटिहार, कोटा, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नंदेसरी, पटना, पूर्णिया, राजसमंद, रोहतक, सागर, सहरसा, सीकर, टेन्सा, टोंक, उदयपुर शामिल हैं। हालांकि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।

दूसरी तरफ देश में चिकबलपुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना चिकबलपुर से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है।

चिकबलपुर की तरह ही देश के 29 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हुबली, कलबुर्गी, कोप्पल आदि शहर शामिल हैं। राहत की बात यह रही की देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अलवर सहित 48 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इनमें धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गंगटोक, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, नांदेड़, पंचकुला, परभनी, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 27 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

अहमदाबाद की तरह ही देश के 81 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अंगुल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, छपरा, चित्तौड़गढ़, दमोह, दौसा, देवास, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जालंधर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, तुमकुरु, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं। 

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

ऐसे में रुझानों पर नजर डालें तो जहां देश के करीब 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 65 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह छोटे बड़े करीब 22 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से महज 30 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 दिसंबर को यह आंकड़ा 66 दर्ज किया गया था।

82 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (353) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 345 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में आठ अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज भी ‘बेहद खराब’ बना हुआ है।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पाली चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (349) दूसरे, जबकि जालौर (343) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 278, गाजियाबाद में 262, गुरुग्राम में 349, नोएडा में 329, ग्रेटर नोएडा में 260 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 154 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 171, चेन्नई में 36, चंडीगढ़ में 225, हैदराबाद में 66, जयपुर में 220 और पटना में 262 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 30 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हुबली, कलबुर्गी, कोप्पल, मदिकेरी, मैसूर, पुदुचेरी, शिवमोगा, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, उडुपी, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अलवर, अमरावती, अमरावती, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, छाल, चित्तूर, धारवाड़, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गंगटोक, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, नांदेड़, पंचकुला, परभनी, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सांगली, सतना, सिलचर, सोलापुर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 48 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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