94 अंकों के उछाल के साथ फरीदाबाद में जानलेवा हुई हवा, दिल्ली सहित कई शहरों में बढ़ा प्रदूषण

कल की तुलना में देखें तो फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 94 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वहां प्रदूषण जानलेवा हो गया है। वहीं दिल्ली में हवा जानलेवा तो नहीं है लेकिन वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार करने के लिए काफी है
प्रतीकात्मक तस्वीर: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
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देश में अन्य शहरों को पीछे छोड़ फरीदाबाद में बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। कल की तुलना में देखें तो फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 94 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 304 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हवा जानलेवा तो नहीं है लेकिन इसके बावजूद वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार करने के लिए काफी है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 33 अंक बढ़कर 223 में पहुंच गया है। दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 12 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू दर्ज किया गया है।

इन शहरों में बद्दी (285), भरतपुर (216), भिवाड़ी (252), दौसा (205), धारूहेड़ा (220), ग्रेटर नोएडा (244), खन्ना (211), मंडी गोबिंदगढ़ (252), मुजफ्फरनगर (203), नोएडा (281), पंचकुला (202) और श्रीगंगानगर (202) शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आइजोल में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक नौ दर्ज किया गया है। यदि फरीदाबाद के प्रदूषण की तुलना आइजोल से करें तो वहां प्रदूषण का स्तर करीब 34 गुणा ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक आइजोल की तरह ही देश के 37 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में देवास, दुर्गापुर, गडग, गंगटोक, हावड़ा, झांसी, कडपा, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, मदिकेरी, मिलुपारा, मैसूर, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, रामनाथपुरम, सिलचर, सिलीगुड़ी, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, आदि शामिल थे।

कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से 13 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों का आंकड़ा घटकर 86 पर पहुंच गया है। बता दें कि इन शहरों में बर्नीहाट, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, कुड्डालोर, धारवाड़, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल आदि शहर शामिल रहे।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 87 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी का दर्ज किया गया है। इन शहरों में अमृतसर, बहादुरगढ़, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, देहरादून, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, नागौर, नंदेसरी, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पानीपत, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक शामिल रहे। कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से 38 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 मई 2024 यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था।

87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 13 शहरों बद्दी, भरतपुर, भिवाड़ी, दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में फरीदाबाद (304) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 33 अंक बढ़कर 223 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 304, गाजियाबाद में 198, गुरुग्राम में 166, नोएडा में 281, ग्रेटर नोएडा में 244 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 86, चंडीगढ़ में 153, हैदराबाद में 61, जयपुर में 185 और पटना में 99 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

अगरतला (41) सहित देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 9, बागलकोट 42, बैरकपुर 43, बेलगाम 39, चामराजनगर 40, कोयंबटूर 41, कटक 50, दावनगेरे 47, देवास 48, दुर्गापुर 33, गडग 45, गंगटोक 24, हावड़ा 20, झांसी 48, कडपा 49, कारवार 42, कटिहार 41, क्योंझर 46, कोहिमा 35, कोलकाता 26, कोप्पल 46, मदिकेरी 49, मिलुपारा 37, मैसूर 38, पालकालाइपेरुर 34, प्रयागराज 50, पूर्णिया 34, रायरंगपुर 32, राजगीर 33, रामनाथपुरम 32, सिलचर 47, सिलीगुड़ी 49, तिरुवनंतपुरम 44, तिरुपति 48, तिरुपुर 50, वाराणसी 31, विजयपुरा 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अंबाला, अंगुल, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, कुड्डालोर, धारवाड़, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जलना, कल्याण, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राउरकेला, सहरसा, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।

देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।

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