बड़े शहरों से ज्यादा छोटों में बिगड़े हालात, नंदेसरी-मंडी गोबिंदगढ़ में सबसे खराब हवा

विश्लेषण में सामने आया है कि आज देश के 43 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब आठ फीसदी में हालात चिंताजनक हैं
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
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देश में दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ नंदेसरी की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 दर्ज किया गया। इस दौरान नंदेसरी की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। गौरतलब है कि कल सूरत की हवा सबसे प्रदूषित थी, लेकिन आज वहां वायु गुणवत्ता में 231 अंकों का भारी सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 24 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में आज मंडी गोबिंदगढ़ (162) दूसरे पायदान पर है। हालांकि राहत की बात यह है कि आज देश के एक भी शहर में वायु गुणवत्ता 'खराब' या बेहद खराब नहीं है।

इसी तरह भीलवाड़ा (159) तीसरे जबकि चुरू (146) चौथे स्थान पर बना हुआ है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में 142 अंकों के साथ झुंझुनूं पांचवें जबकि बद्दी (137) छठे स्थान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति बर्निहाट और टोंक की भी है, जो 125 अंकों के साथ सातवें और आठवें स्थान पर हैं। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पाली (124) और श्री गंगानगर (121) भी शामिल हैं।

आज जहां नंदेसरी, मंडी गोबिंदगढ़, भीलवाड़ा, बर्निहाट, समस्तीपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम 2.5 हावी हैं। वहीं चुरू, झुंझुनूं, बद्दी, टोंक, पाली, श्री गंगानगर, लुधियाना, जैसलमेर, दौसा, पटना, बाड़मेर आदि की हवा पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।

राजस्थान में प्रदूषण की स्थिति किस कदर चिंताजनक है इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छह भीलवाड़ा, चूरू, झुंझुनूं, टोंक, पाली और श्री गंगानगर राजस्थान के हैं।

आज जहां नंदेसरी, मंडी गोबिंदगढ़, भीलवाड़ा, बर्निहाट, समस्तीपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम 2.5 हावी हैं। वहीं चुरू, झुंझुनूं, बद्दी, टोंक, पाली, श्री गंगानगर, लुधियाना, जैसलमेर, दौसा, पटना, बाड़मेर आदि की हवा पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।

आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 10 गुणा खराब है।

शिलांग की तरह ही देश के 92 अन्य शहरों में हवा साफ दर्ज की गई है। इन शहरों में झांसी, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 17 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 95 पर पहुंच गया है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक आज देश में भीलवाड़ा सहित 17 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बाड़मेर, बर्निहाट, चुरू, दौसा, इंफाल, जैसलमेर, झुंझुनूं, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी, पाली, पटना, समस्तीपुर, श्री गंगानगर, टोंक आदि शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 19 फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि आज देश के 43 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब आधे शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के  करीब आठ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 93 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 जून 2025 को यह आंकड़ा 92 दर्ज किया गया था।

17 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (164) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 180 के करीब पहुंच गया। कल सूरत में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 272 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 17 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारकर 95 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर मध्यम से संतोषजनक हो गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चुरू चौथे स्थान पर है, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (162) दूसरे, जबकि भीलवाड़ा (159) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 36, गाजियाबाद में 87, गुवाहाटी में 31, गुरूग्राम में 91, नोएडा में 92, ग्रेटर नोएडा में 92 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 72, चेन्नई में 81, चंडीगढ़ में 64, हैदराबाद में 65, जयपुर में 89 और पटना में 107 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 93 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महराष्ट्र), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बैरकपुर, बेलापुर, भिलाई, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हसन, होसुर, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झांसी, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, सागर, सलेम, शिलांग, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नोएडा, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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