साफ हवा वाले शहरों में 122 फीसदी का इजाफा, सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब'

देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा खराब थी
साफ हवा वाले शहरों में 122 फीसदी का इजाफा, सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब'
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देश में प्रदूषण के समीकरण हर दिन बदल रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कल (11 मार्च 2025) से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 122 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसके साथ ही देश के करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ दर्ज की गई है। वहीं कल यह आंकड़ा महज चार फीसदी था।

रुझानों के मुताबिक आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 रिकॉर्ड किया गया। वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां एक्यूआई 282 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल से गाजियाबाद की हवा में सुधार दर्ज किया गया है।

ऐसे में यदि गाजियाबाद की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा ज्यादा खराब है। आंकड़ों के मुताबिक मदिकेरी सहित देश के जिन शहरों में हवा साफ बनी हुई है, उनमें हुबली, झांसी, कारवार, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, शिलांग आदि शहर शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 122 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसके विपरीत देश में गाजियाबाद सहित 21 शहरों में हवा 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदाबाद, अंगुल, आसनसोल, ब्यासनगर, चरखी दादरी, दौसा, दिल्ली, दुर्गापुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, कोहिमा, मंडीदीप, पूर्णिया, समस्तीपुर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, तालचेर, वातवा शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी की मामूली गिरावट आई है।

प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 273 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह 263 अंकों के साथ तालचेर और वातवा, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। गुरूग्राम में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो 259 अंकों के साथ आज पांचवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह पूर्णिया और समस्तीपुर       छठे और सातवें स्थान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में समस्तीपुर, चरखी दादरी और हनुमानगढ़ भी शामिल हैं।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में 34 अंकों की गिरावट के साथ सूचकांक 228 पर पहुंच गया है। देखा जाए तो कल से स्थिति में सुधार के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां चार अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 पर पहुंच गया।

मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में 34 अंकों की गिरावट के साथ सूचकांक 228 पर पहुंच गया है। देखा जाए तो कल से स्थिति में सुधार के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां चार अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 115 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, टोंक आदि शहर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश में अगरतला सहित 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में करौली, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोलकाता, लुधियाना, मुरादाबाद, नगांव, नाहरलगुन, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तिरुपति, उज्जैन, वाराणसी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 22 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ रही। वहीं 66 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। 24 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 207 में से महज 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 50 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 64 दर्ज किया गया।

116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (282) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। गाजियाबाद में कल वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी, जब एक्यूआई 345 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासी गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 34 अंकों की गिरावट के साथ 228 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी ‘खराब’ बनी हुई है। 

गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (273) दूसरे, जबकि तालचेर (263) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 111, गाजियाबाद में 282, गुरुग्राम में 259, नोएडा में 149, ग्रेटर नोएडा में 136 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 147 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 151, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 100, जयपुर में 132 और पटना में 187 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अनंतपुर, बठिंडा, बेलगाम, चिकबलपुर, चित्तूर, दावनगेरे, हुबली, झांसी, कारवार, मदिकेरी , मैहर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, शिलांग, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अलवर, अमृतसर, बारां, बरेली, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, दमोह, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हैदराबाद, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोलकाता, लुधियाना, मुरादाबाद, नगांव, नाहरलगुन, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तिरुपति, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में प्रदूषण के समीकरण हर दिन बदल रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कल (11 मार्च 2025) से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 122 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसके साथ ही देश के करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ दर्ज की गई है। वहीं कल यह आंकड़ा महज चार फीसदी था।

रुझानों के मुताबिक आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 रिकॉर्ड किया गया। वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां एक्यूआई 282 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल से गाजियाबाद की हवा में सुधार दर्ज किया गया है।

ऐसे में यदि गाजियाबाद की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा ज्यादा खराब है। आंकड़ों के मुताबिक मदिकेरी सहित देश के जिन शहरों में हवा साफ बनी हुई है, उनमें हुबली, झांसी, कारवार, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, शिलांग आदि शहर शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 122 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसके विपरीत देश में गाजियाबाद सहित 21 शहरों में हवा 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदाबाद, अंगुल, आसनसोल, ब्यासनगर, चरखी दादरी, दौसा, दिल्ली, दुर्गापुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, कोहिमा, मंडीदीप, पूर्णिया, समस्तीपुर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, तालचेर, वातवा शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी की मामूली गिरावट आई है।

प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 273 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह 263 अंकों के साथ तालचेर और वातवा, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। गुरूग्राम में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो 259 अंकों के साथ आज पांचवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह पूर्णिया और समस्तीपुर       छठे और सातवें स्थान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में समस्तीपुर, चरखी दादरी और हनुमानगढ़ भी शामिल हैं।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में 34 अंकों की गिरावट के साथ सूचकांक 228 पर पहुंच गया है। देखा जाए तो कल से स्थिति में सुधार के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां चार अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 पर पहुंच गया।

मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में 34 अंकों की गिरावट के साथ सूचकांक 228 पर पहुंच गया है। देखा जाए तो कल से स्थिति में सुधार के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां चार अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 115 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, टोंक आदि शहर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश में अगरतला सहित 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में करौली, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोलकाता, लुधियाना, मुरादाबाद, नगांव, नाहरलगुन, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तिरुपति, उज्जैन, वाराणसी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 22 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ रही। वहीं 66 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। 24 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 207 में से महज 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 50 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 64 दर्ज किया गया।

116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (282) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। गाजियाबाद में कल वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी, जब एक्यूआई 345 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासी गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 34 अंकों की गिरावट के साथ 228 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी ‘खराब’ बनी हुई है। 

गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (273) दूसरे, जबकि तालचेर (263) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 111, गाजियाबाद में 282, गुरुग्राम में 259, नोएडा में 149, ग्रेटर नोएडा में 136 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 147 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 151, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 100, जयपुर में 132 और पटना में 187 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अनंतपुर, बठिंडा, बेलगाम, चिकबलपुर, चित्तूर, दावनगेरे, हुबली, झांसी, कारवार, मदिकेरी , मैहर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, शिलांग, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अलवर, अमृतसर, बारां, बरेली, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, दमोह, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हैदराबाद, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोलकाता, लुधियाना, मुरादाबाद, नगांव, नाहरलगुन, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तिरुपति, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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