देश में एक तरफ जहां साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 27 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती 30 फीसदी बढ़ गई है। गौरतलब है कि जहां कल देश में 77 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर स्तर पर थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 56 पर पहुंच गया है। मतलब साफ है कि देश में कल से वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पुष्टि की है कि धारूहेड़ा की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 267 दर्ज किया गया है। इसी तरह मुजफ्फरनगर में भी प्रदूषण का स्तर बढ़कर 251 पर पहुंच गया है। इस बारे में जारी ताजा रुझानों से पता चला है कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बहादुरगढ़, चरखी दादरी, हापुड, यमुनानगर, सिंगरौली, दुर्गापुर, आसनसोल और करौली में स्थिति सबसे खराब है। जो इस बात को भी दर्शाता है कि अब छोटे शहर भी बढ़ते प्रदूषण से सुरक्षित नहीं हैं।
वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 13 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर धारूहेड़ा की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां वायु गुणवत्ता की स्थिति 20 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में रामनाथपुरम की तरह ही जिन 56 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई, उनमें अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बीदर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक आदि शहर शामिल थे।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट देखी गई है। जहां 36 अंकों की भारी गिरावट के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 198 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया। फरीदाबाद में 16 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 196 पर पहुँच गया है।
देश में दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही 85 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में आगरा, अम्बाला, अमृतसर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवानी, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छाल, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, पूर्णिया, राजगीर, रतलाम, राउरकेला, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, वृंदावन आदि शहर शामिल थे।
हालांकि कल की तुलना में देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। वहीं 13 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब बना हुआ है। इन शहरों में आसनसोल, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, चरखी दादरी, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, हापुड, करौली, मुजफ्फरनगर, पटना, सिंगरौली और यमुनानगर शामिल थे।
रिपोर्ट के मुताबिक देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के 23 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। वहीं करीब 38 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि 40 फीसदी शहरों में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से 56 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 91दर्ज किया गया था। 85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में धारूहेड़ा (267) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (198) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 36 अंकों की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 196, गाजियाबाद में 181, गुरुग्राम में 167, नोएडा में 170, ग्रेटर नोएडा में 206 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 95, चेन्नई में 45, चंडीगढ़ में 160, हैदराबाद में 62, जयपुर में 113 और पटना में 207 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 56 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बीदर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, धुले, डिंडीगुल, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हसन, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सहरसा, शिवमोगा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंगुल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बठिंडा, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चित्तौड़गढ़, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा आदि 94 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।