देश में वायु प्रदूषण के समीकरण तेजी से बदल रहे हैं, जहां लगातार दो दिनों से साफ हवा वाले शहरों में गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद देश में 'बेहतर' वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा घटकर 91 पर पहुंच गया है। यदि 13 अगस्त 2024 की तुलना में देखें तो गत दिन इन शहरों की संख्या में 17 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में पालकालाइपेरुर में प्रदूषण सबसे कम है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 दर्ज किया गया है। इसी तरह आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अलवर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धुले, फिरोजाबाद, गया, हापुड, आदि शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण के मामले में भागलपुर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 158 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में क्योंझर, छपरा, ग्रेटर नोएडा, चंडीगढ़, आरा, गुरूग्राम, तुमकुरु, बद्दी और आसनसोल शामिल रहे। हालांकि इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 15 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में आरा, आसनसोल, बद्दी, भागलपुर, चंडीगढ़, छपरा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, क्योंझर, मंडी गोबिंदगढ़, पटना, रायचूर, समस्तीपुर, तुमकुरु, शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में इन शहरों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इनकी संख्या पहले जितनी बनी हुई है।
वहीं दिल्ली की हवा कल से कहीं ज्यादा खराब हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 अंक बढ़कर 79 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। फरीदाबाद में 16 अंकों के उछाल के साथ सूचकांक 76 पर पहुंच गया। हालांकि दोनों ही शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
इसी तरह देश के 126 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। देखा जाए तो देश में पिछले दिन की तुलना में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मानेसर, मंगलौर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पलवल, पानीपत, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
कुल मिलाकर देखें तो देश में करीब 39 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि 55 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं छह फीसदी शहरों में प्रदूषण चिंताजनक स्थिति में है। हालांकि सुकून की बात रही कि इस बीच एक भी शहर ऐसा नहीं रहा जहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में हो।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से 91 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 107 दर्ज किया गया था। 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में भागलपुर (158) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 160 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (79) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 14 अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 76, गाजियाबाद में 75, गुरुग्राम में 112, नोएडा में 70, ग्रेटर नोएडा में 136 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 57, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 128, हैदराबाद में 75, जयपुर में 50 और पटना में 102 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 91 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अलवर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धुले, फिरोजाबाद, गया, हापुड, हसन, हिसार, हुबली, जबलपुर, जयपुर, जलना, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करनाल, कारवार, कटिहार, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोनीपत, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, दिल्ली, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गडग, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जींद, कडपा, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मानेसर, मंगलौर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पलवल, पानीपत, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर, आदि 128 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।