
प्रदूषण के मामले में चंडीगढ़ भी पीछे नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। देखा जाए तो प्रदूषण के मामले में आज चंडीगढ़ देश में दूसरे स्थान पर है। वहीं हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां एक्यूआई 341 रिकॉर्ड किया गया है।
बता दें कि कल दुर्गापुर की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां एक्यूआई 322 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो प्रदूषण में उतार चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है, जहां 101 अंकों के भारी उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 294 पर पहुंच गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता का स्तर एक बार फिर 'खराब' हो गया है। दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 35 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।
इन शहरों में अगरतला, आसनसोल, बद्दी, बहादुरगढ़, बालासोर, बैरकपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चुरू, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, कोटा, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, सासाराम, सीकर, श्रीगंगानगर, तालचेर, विशाखापत्तनम, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 90 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में तंजावुर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 23 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना तंजावुर से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है।
तंजावुर की तरह ही देश के 15 अन्य शहरों में हवा साफ है। इनमें कांचीपुरम, कोल्लम, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
अजमेर की तरह ही देश के 54 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, कोप्पल, कोरबा, मांडीखेड़ा, मैसूर, नागपट्टिनम, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश आदि शहर शामिल हैं। हालांकि साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। जहां 53 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 143 पर पहुंच गया। मतलब की वहां हवा संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। देश में फरीदाबाद की तरह ही 140 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बागपत, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धनबाद, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गडग, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, हसन, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पानीपत, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, टेन्सा, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, विरार, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश में छह फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 72 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। दूसरी तरफ देश के करीब 22 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 249 में से महज 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 54 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 दिसंबर को यह आंकड़ा 81 दर्ज किया गया था।
141 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दुर्गापुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 322 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 101 अंकों का इजाफा हुआ है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 300 के करीब पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'मध्यम' से खराब श्रेणी में पहुंच गया है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं चंडीगढ़ (322) दूसरे, जबकि दिल्ली (294) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 143, गाजियाबाद में 224, गुरुग्राम में 239, नोएडा में 213, ग्रेटर नोएडा में 262 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 159 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 234, चेन्नई में 81, चंडीगढ़ में 322, हैदराबाद में 120, जयपुर में 182 और पटना में 279 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, कांचीपुरम, कोल्लम, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अजमेर, अलवर, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, देवास, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, कोप्पल, कोरबा, मांडीखेड़ा, मैसूर, नागपट्टिनम, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, उडुपी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 54 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।