
प्रदूषण के मामले में आज भी बर्नीहाट अव्वल रहा, हालांकि कल से वहां प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है। ताजा रुझानों पर नजर डालें तो 14 अंकों की गिरावट के साथ बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 पर पहुंच गया।
इसके बावजूद वहां एक्यूआई 'बेहद खराब' बनी हुई है।
वहीं प्रदूषण के मामले में आज सिवान दूसरे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 345 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह वापी में एक्यूआई 325 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण में तीसरे स्थान पर था।
इन तीनों ही शहरों में हवा बेहद खराब बनी हुई है। मतलब की इन शहरों की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। राहत की बात यह रही कि देश में कल से बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 63 फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 86 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 225 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में हवा 'खराब' हो गई है।
दिल्ली की तरह ही देश के 21 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया है। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बैरकपुर, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, ब्यासनगर, छपरा, कटक, धनबाद, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरपुर, पटना, पीथमपुर, राजगीर, सूरत, तालचेर शामिल हैं।
हालांकि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के छोटे बड़े 28 शहरों में हवा साफ है।
इन शहरों में बरेली, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, हावेरी, जबलपुर, कलबुर्गी, कारवार, मदिकेरी, मैहर, मुरादाबाद, पटियाला शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'साफ' हवा वाले शहरों की संख्या में 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आगरा सहित देश के 78 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में मैसूर, नागपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर आदि शहर शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 20 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 108 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक से 'मध्यम' स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 88 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सूरत चौथे स्थान पर है, वहीं सिवान (345) दूसरे, जबकि वापी (325) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 108, गाजियाबाद में 124, गुरुग्राम में 126, नोएडा में 162, ग्रेटर नोएडा में 141 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 186 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 157, चेन्नई में 79, चंडीगढ़ में 88, हैदराबाद में 82, जयपुर में 112 और पटना में 278 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 28 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अमृतसर, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, हावेरी, जबलपुर, कलबुर्गी, कारवार, मदिकेरी, मैहर, मुरादाबाद, पटियाला, ऋषिकेश, रोहतक, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बाड़मेर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, देवास, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, जलना, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंगलौर, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, उडुपी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर आदि 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
प्रदूषण के मामले में आज भी बर्नीहाट अव्वल रहा, हालांकि कल से वहां प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है। ताजा रुझानों पर नजर डालें तो 14 अंकों की गिरावट के साथ बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 पर पहुंच गया।
इसके बावजूद वहां एक्यूआई 'बेहद खराब' बनी हुई है।
वहीं प्रदूषण के मामले में आज सिवान दूसरे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 345 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह वापी में एक्यूआई 325 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण में तीसरे स्थान पर था।
इन तीनों ही शहरों में हवा बेहद खराब बनी हुई है। मतलब की इन शहरों की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। राहत की बात यह रही कि देश में कल से बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 63 फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 86 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 225 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में हवा 'खराब' हो गई है।
दिल्ली की तरह ही देश के 21 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया है। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बैरकपुर, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, ब्यासनगर, छपरा, कटक, धनबाद, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरपुर, पटना, पीथमपुर, राजगीर, सूरत, तालचेर शामिल हैं।
हालांकि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के छोटे बड़े 28 शहरों में हवा साफ है।
इन शहरों में बरेली, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, हावेरी, जबलपुर, कलबुर्गी, कारवार, मदिकेरी, मैहर, मुरादाबाद, पटियाला शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'साफ' हवा वाले शहरों की संख्या में 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आगरा सहित देश के 78 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में मैसूर, नागपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर आदि शहर शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 20 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 108 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक से 'मध्यम' स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 88 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' स्तर पर पहुंच गई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अलवर, अररिया, आरा, बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कल्याण, कटिहार, क्योंझर, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, श्री गंगानगर, टेन्सा , ठाणे, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 13 फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ करीब 52 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है, जबकि 35 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी दर्ज की गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 220 में से महज 28 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 दिसंबर को यह आंकड़ा 66 दर्ज किया गया था।
89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (348) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 362 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 86 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज ‘खराब’ बना हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सूरत चौथे स्थान पर है, वहीं सिवान (345) दूसरे, जबकि वापी (325) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 108, गाजियाबाद में 124, गुरुग्राम में 126, नोएडा में 162, ग्रेटर नोएडा में 141 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 186 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 157, चेन्नई में 79, चंडीगढ़ में 88, हैदराबाद में 82, जयपुर में 112 और पटना में 278 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 28 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अमृतसर, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, हावेरी, जबलपुर, कलबुर्गी, कारवार, मदिकेरी, मैहर, मुरादाबाद, पटियाला, ऋषिकेश, रोहतक, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बाड़मेर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, देवास, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, जलना, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंगलौर, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, उडुपी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर आदि 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।