
प्रदूषण के मामले में आज स्थिति मिली जुली है, जहां कुछ शहरों में प्रदूषण में इजाफा हुआ है। वहीं दिल्ली-फरीदाबाद जैसे शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज देश में मेघालय के एक शहर बर्नीहाट में स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 रिकॉर्ड किया गया है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट में प्रदूषण 23 गुणा अधिक है। असम के गुवाहाटी शहर की स्थिति भी कोई खास अच्छी नहीं है, जहां एक्यूआई 295 रिकॉर्ड किया गया है।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति श्रीगंगानगर की भी है, जो प्रदूषण के मामले में आज तीसरे स्थान पर है। श्रीगंगानगर में सूचकांक 283 रिकॉर्ड किया गया है।
प्रदूषण के मामले में बिहार का हाजीपुर चौथे स्थान पर है, जहां आज एक्यूआई 271 रिकॉर्ड किया गया। हनुमानगढ़ (260) पांचवें, जबकि अंगुल (253) छठे स्थान पर रहा। वहीं 252 अंकों के साथ कटक सातवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह कुंजेमुरा (249) आठवें, जबकि गाजियाबाद (248) नौवें स्थान पर है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बागपत (235) अंतिम स्थान पर है।
मतलब की देश में आज बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है, जो एक बार फिर इस ओर इशारा है कि प्रदूषण अब केवल बड़े शहरों की समस्या नहीं रह गया है। रुझानों के मुताबिक देश के 20 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है। इन शहरों में नलबाड़ी, कोहिमा, ब्यासनगर, रामनगर, गुरूग्राम, सिलीगुड़ी, मंडी गोबिंदगढ़, पूर्णिया, दिल्ली, चंद्रपुर, और बिलीपाड़ा भी शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर देश में बेलगाम की हवा सबसे साफ रही, हालांकि वहां भी एक्यूआई 36 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना बेलगाम से करें तो वहां स्थिति करीब नौ गुणा ज्यादा खराब है।
बेलगाम की तरह ही देश के 15 अन्य शहरों में हवा साफ है, इन शहरों में अगरतला, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, गडग, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोप्पल, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके बावजूद दिल्ली में हवा जहरीली है। दिल्ली की तरह ही पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में सुधार आया है, जहां 17 अंकों की गिरावट के साथ इंडेक्स 85 पर पहुंच गया। मतलब की एक बार फिर फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक हो गई है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 88 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में इंदौर, जलगांव, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला आदि शामिल हैं। ...लेकिन कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
इसी तरह आगरा सहित देश के छोटे-बड़े 112 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड आदि शहर शामिल हैं। कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
रुझानों को देखें तो देश के जहां महज सात फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 56 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 238 में से महज 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 94 दर्ज किया गया।
112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (356) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। कल हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 328 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छी-खासी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 54 अंकों के सुधार के साथ 205 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में सुधार के बावजूद वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है। मार्च में यह नौवां दिन है जब दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं गुवाहाटी (295) दूसरे, जबकि श्रीगंगानगर (283) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 85, गाजियाबाद में 248, गुरुग्राम में 220, नोएडा में 144, ग्रेटर नोएडा में 174 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 73 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 153, चेन्नई में 93, चंडीगढ़ में 134, हैदराबाद में 99, जयपुर में 127 और पटना में 194 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, गडग, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोप्पल, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सूरत, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
प्रदूषण के मामले में आज स्थिति मिली जुली है, जहां कुछ शहरों में प्रदूषण में इजाफा हुआ है। वहीं दिल्ली-फरीदाबाद जैसे शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज देश में मेघालय के एक शहर बर्नीहाट में स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 रिकॉर्ड किया गया है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट में प्रदूषण 23 गुणा अधिक है। असम के गुवाहाटी शहर की स्थिति भी कोई खास अच्छी नहीं है, जहां एक्यूआई 295 रिकॉर्ड किया गया है।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति श्रीगंगानगर की भी है, जो प्रदूषण के मामले में आज तीसरे स्थान पर है। श्रीगंगानगर में सूचकांक 283 रिकॉर्ड किया गया है।
प्रदूषण के मामले में बिहार का हाजीपुर चौथे स्थान पर है, जहां आज एक्यूआई 271 रिकॉर्ड किया गया। हनुमानगढ़ (260) पांचवें, जबकि अंगुल (253) छठे स्थान पर रहा। वहीं 252 अंकों के साथ कटक सातवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह कुंजेमुरा (249) आठवें, जबकि गाजियाबाद (248) नौवें स्थान पर है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बागपत (235) अंतिम स्थान पर है।
मतलब की देश में आज बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है, जो एक बार फिर इस ओर इशारा है कि प्रदूषण अब केवल बड़े शहरों की समस्या नहीं रह गया है। रुझानों के मुताबिक देश के 20 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है। इन शहरों में नलबाड़ी, कोहिमा, ब्यासनगर, रामनगर, गुरूग्राम, सिलीगुड़ी, मंडी गोबिंदगढ़, पूर्णिया, दिल्ली, चंद्रपुर, और बिलीपाड़ा भी शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर देश में बेलगाम की हवा सबसे साफ रही, हालांकि वहां भी एक्यूआई 36 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना बेलगाम से करें तो वहां स्थिति करीब नौ गुणा ज्यादा खराब है।
बेलगाम की तरह ही देश के 15 अन्य शहरों में हवा साफ है, इन शहरों में अगरतला, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, गडग, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोप्पल, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके बावजूद दिल्ली में हवा जहरीली है। दिल्ली की तरह ही पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में सुधार आया है, जहां 17 अंकों की गिरावट के साथ इंडेक्स 85 पर पहुंच गया। मतलब की एक बार फिर फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक हो गई है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 88 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में इंदौर, जलगांव, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला आदि शामिल हैं। ...लेकिन कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
इसी तरह आगरा सहित देश के छोटे-बड़े 112 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड आदि शहर शामिल हैं। कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
रुझानों को देखें तो देश के जहां महज सात फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 56 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 238 में से महज 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 94 दर्ज किया गया।
112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (356) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। कल हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 328 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छी-खासी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 54 अंकों के सुधार के साथ 205 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में सुधार के बावजूद वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है। मार्च में यह नौवां दिन है जब दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं गुवाहाटी (295) दूसरे, जबकि श्रीगंगानगर (283) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 85, गाजियाबाद में 248, गुरुग्राम में 220, नोएडा में 144, ग्रेटर नोएडा में 174 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 73 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 153, चेन्नई में 93, चंडीगढ़ में 134, हैदराबाद में 99, जयपुर में 127 और पटना में 194 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, गडग, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोप्पल, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सूरत, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।