
प्रदूषण में हर दिन उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मेघालय के एक शहर बर्नीहाट में स्थिति सबसे खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 358 तक पहुंच गया। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता करीब 24 गुणा खराब है।
इसी तरह नयागढ़ में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। नयागढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 रिकॉर्ड किया गया है, जहां वायु गुणवत्ता मानकों से करीब 21 गुणा खराब है।
वहीं दूसरी तरफ कल यानी 18 मार्च 2025 को अंगुल की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां एक्यूआई 269 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था, जहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रही हो, लेकिन आज इन शहरों का आंकड़ा बढ़कर दो पर पहुंच गया है।
इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज कुंजेमुरा (254) तीसरे, जबकि नलबाड़ी (244) चौथे स्थान पर है। बारबिल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक 242 रिकॉर्ड किया गया। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दुर्गापुर छठे जबकि बिलीपाड़ा सातवें स्थान पर रहा। इसी तरह गाजियाबाद, गुवाहाटी, और राउरकेला, क्रमशः आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर बने हुए हैं।
रुझान एक बार फिर इस ओर इशारा करते हैं कि देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के छह शहरों में आज वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। हालांकि राहत की बात रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है।
इन शहरों के विपरीत एक बार फिर पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 रिकॉर्ड किया गया। पालकालाइपेरुर की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा बेहतर है। पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 26 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, तंजावुर आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 23 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 160 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक देश में दिल्ली सहित 81 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में नासिक, नोएडा, परभनी, पटना, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राउरकेला, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, टोंक, तुमकुरु आदि शामिल हैं।
कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े रुझानों पर नजर डालें तो कल से स्थिति में मामूली बदलाव आया है, जहां चार अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 86 पर पहुंच गया। हालांकि वहां अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 112 अन्य शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नवी मुंबई, ऊटी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, शिलांग, सीकर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलकर रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब 12 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 39 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं, जबकि 49 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 230 में से महज 27 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया।
82 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (358) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। कल अंगुल में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 269 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 15 अंकों के इजाफे के साथ बढ़कर 160 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नलबाड़ी चौथे स्थान पर है, वहीं नयागढ़ (311) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (254) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 86, गाजियाबाद में 218, गुरुग्राम में 183, नोएडा में 108, ग्रेटर नोएडा में 92 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 84 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 82, चेन्नई में 41, चंडीगढ़ में 78, हैदराबाद में 82, जयपुर में 90 और पटना में 116 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 27 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, बठिंडा, चेन्नई, दमोह, डिंडीगुल, हुबली, कडपा, कटिहार, कोप्पल, मदिकेरी , मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उज्जैन, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नवी मुंबई, ऊटी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, शिलांग, सीकर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
प्रदूषण में हर दिन उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मेघालय के एक शहर बर्नीहाट में स्थिति सबसे खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 358 तक पहुंच गया। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता करीब 24 गुणा खराब है।
इसी तरह नयागढ़ में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। नयागढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 रिकॉर्ड किया गया है, जहां वायु गुणवत्ता मानकों से करीब 21 गुणा खराब है।
वहीं दूसरी तरफ कल यानी 18 मार्च 2025 को अंगुल की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां एक्यूआई 269 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था, जहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रही हो, लेकिन आज इन शहरों का आंकड़ा बढ़कर दो पर पहुंच गया है।
इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज कुंजेमुरा (254) तीसरे, जबकि नलबाड़ी (244) चौथे स्थान पर है। बारबिल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक 242 रिकॉर्ड किया गया। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दुर्गापुर छठे जबकि बिलीपाड़ा सातवें स्थान पर रहा। इसी तरह गाजियाबाद, गुवाहाटी, और राउरकेला, क्रमशः आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर बने हुए हैं।
रुझान एक बार फिर इस ओर इशारा करते हैं कि देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के छह शहरों में आज वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। हालांकि राहत की बात रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है।
इन शहरों के विपरीत एक बार फिर पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 रिकॉर्ड किया गया। पालकालाइपेरुर की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा बेहतर है। पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 26 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, तंजावुर आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 23 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 160 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक देश में दिल्ली सहित 81 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में नासिक, नोएडा, परभनी, पटना, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राउरकेला, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, टोंक, तुमकुरु आदि शामिल हैं।
कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े रुझानों पर नजर डालें तो कल से स्थिति में मामूली बदलाव आया है, जहां चार अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 86 पर पहुंच गया। हालांकि वहां अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 112 अन्य शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नवी मुंबई, ऊटी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, शिलांग, सीकर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलकर रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब 12 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 39 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं, जबकि 49 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 230 में से महज 27 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया।
82 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (358) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। कल अंगुल में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 269 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 15 अंकों के इजाफे के साथ बढ़कर 160 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नलबाड़ी चौथे स्थान पर है, वहीं नयागढ़ (311) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (254) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 86, गाजियाबाद में 218, गुरुग्राम में 183, नोएडा में 108, ग्रेटर नोएडा में 92 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 84 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 82, चेन्नई में 41, चंडीगढ़ में 78, हैदराबाद में 82, जयपुर में 90 और पटना में 116 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 27 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, बठिंडा, चेन्नई, दमोह, डिंडीगुल, हुबली, कडपा, कटिहार, कोप्पल, मदिकेरी , मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उज्जैन, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नवी मुंबई, ऊटी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, शिलांग, सीकर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।