प्रदूषण से कई शहरों में बिगड़े हालात, सिंगरौली में 400 के पार एक्यूआई

दूसरी तरफ आज शिलांग में वायु गुणवत्ता सूचकांक महज छह रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि सिंगरौली की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 66 गुणा अधिक खराब है
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
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सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में सिंगरौली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 400 के पार पहुंच गया है। इस दौरान सिंगरौली की हवा में पीएम2.5 के महीन कण हावी थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो काशीपुर में प्रदूषण का स्तर तय सुरक्षित सीमा से 2,572 फीसदी अधिक है।

मतलब की वहां की हवा में जहर इस तरह रच-बस गया है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल काशीपुर में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 162 तक पहुंच गया। हालांकि आज इसमें 129 अंकों का भारी सुधार आया है। वहीं दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज छह रिकॉर्ड किया गया।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सिंगरौली की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 66 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 अगस्त 2025 को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के जहां 62 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 33 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है।

हालांकि साथ ही आंकड़े इस बात की भी पुष्टि करते हैं कि बढ़ता प्रदूषण अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में तिरुमाला दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 301 यानी 'बेहद खराब' स्तर तक पहुंच गया है। इसी तरह 264 अंकों के साथ श्री गंगानगर तीसरे स्थान पर है, जहां भी एक्यूआई 264 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि कल देश के किसी भी शहर में एक्यूआई 200 के पार नहीं गया था। हालांकि आज इन तीनों शहरों में बढ़ते प्रदूषण से स्थिति बेहद खराब है।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में जहां नंदेसरी (160) चौथे जबकि एलूर (157) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह मेघालय का बर्नीहाट (142) छठे जबकि पाली (136) सातवें स्थान पर है। देश के इन सबसे प्रदूषित शहरों में आज औरंगाबाद (बिहार)132, गुम्मिडिपूंडी (115) और छपरा (114) भी शामिल हैं।

आंकड़ों में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि आज जहां सिंगरौली, नंदेसरी, बर्नीहाट, आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण हावी है। वहीं पाली, औरंगाबाद (बिहार), गुम्मिडिपूंडी, विशाखापत्तनम, ग्रेटर नोएडा आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। तिरुमाला, श्री गंगानगर आदि शहरों की हवा में ओजोन हावी है।

इन शहरों के उलट आज देश के 145 यानी करीब 62 फीसदी शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, कारवार, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कोटा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में एक फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 76 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रिकॉर्ड की गई है। इन शहरों में बक्सर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा आदि शामिल हैं।

हालांकि साफ हवा वाले शहरों के उलट कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश के 10 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बर्नीहाट, छपरा, एलूर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, मुंगेर, नंदेसरी, पाली, विशाखापत्तनम शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है। 

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 235 में से 145 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 77 (+2) शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 20 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 75 दर्ज किया गया था।

10 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में सिंगरौली (401) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। कल काशीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 162 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 79 दर्ज किया गया है। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नंदेसरी चौथे स्थान पर है, वहीं तिरुमाला (301) दूसरे, जबकि श्री गंगानगर (264) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 55, गाजियाबाद में 72, गुवाहाटी में 41, गुरूग्राम में 71, नोएडा में 60, ग्रेटर नोएडा में 107 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 54, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 56, हैदराबाद में 65, जयपुर में 54 और पटना में 56 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 145 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, कारवार, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कोटा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अंगुल, अंकलेश्वर, बद्दी, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नांदेड़, नोएडा, पटना, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रूपनगर, समस्तीपुर, सतना, सीकर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 77 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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