

रोहतक में वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर पार कर लिया है, जहां एक्यूआई 374 दर्ज किया गया है। यह स्थिति विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है।
प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हवा में हावी हैं, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
दूसरी तरफ आज देश में उडुपी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 20 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना उडुपी से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा खराब है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 264 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली (361) दूसरे जबकि नोएडा (354) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 339 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे स्थान पर है।
ग्रेटर नोएडा-हापुड में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 336 और 334 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में रोहतक की हवा सबसे ज्यादा जहरीले है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 374 दर्ज किया गया है। मतलब कि वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रिकॉर्ड की गई है। गौरतलब है कि कल सरकारी आंकड़ों में रोहतक का जिक्र नहीं था।
रुझानों में सामने आया है कि आज रोहतक की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
रोहतक में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में उडुपी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 20 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना उडुपी से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 नवंबर, 2025 को 251 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 5.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 38.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 55.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 39.1 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों में 2.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है। आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में करीब 9.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 120 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जोकि चिंता की खबर है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 264 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली (361) दूसरे जबकि नोएडा (354) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 339 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा-हापुड में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 336 और 334 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
आज बहादुरगढ़ (325) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मेरठ (318), खुर्जा (312) और बुलन्दशहर (307) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के सात शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, खुर्जा, बुलन्दशहर) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां रोहतक, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, बहादुरगढ़, मेरठ, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, जींद, मानेसर, बागपत, कैथल, पानीपत, फतेहाबाद, मुजफ्फरनगर, सिरसा, अम्बाला, कुरूक्षेत्र, फरीदाबाद, करनाल, यमुनानगर, कानपुर, भिवानी, सोनीपत, मंडी गोबिंदगढ़, खन्ना, गुरूग्राम, किशनगंज, अररिया, भिवाड़ी, नारनौल, गुम्मिडिपूंडी, बद्दी, हनुमानगढ़, पटियाला, जालंधर, अमृतसर, जलगांव, कटनी, लखनऊ, वापी, काशीपुर, ग्वालियर, अहमदाबाद, तिरुपति आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं खुर्जा, मंडीदीप, सीकर, नागौर, टोंक, श्री गंगानगर, चुरू, बीकानेर, विशाखापत्तनम, सवाई माधोपुर, जालौर, पीथमपुर, दौसा, हिसार, झुंझुनूं, सिंगरौली, धुले, बाड़मेर, चंद्रपुर, धौलपुर, झालावाड़, सांगली, अंकलेश्वर, अमरावती (महाराष्ट्र), जैसलमेर, वृंदावन, भीलवाड़ा, तालचेर, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), बांसवाड़ा, ठाणे, बेंगलुरु, सिरोही, चित्तौड़गढ़, मंगुराहा, देवास, राउरकेला, बारां, राजमहेंद्रवरम, डूंगरपुर, क्योंझर, मुंबई, मालेगांव, बारीपदा, नासिक, बालासोर, उल्हासनगर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 5.6 फीसदी यानी 14 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में छपरा, गडग, कलबुर्गी, कांचीपुरम, नमक्कल, रामनाथपुरम, सहरसा, समस्तीपुर, शिलांग, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 39 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें हैदराबाद, इंदौर, झांसी, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, पाली, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, परभनी, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तंजावुर आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 95 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, टक, दौसा, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पंचकुला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, सांगली, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरोही, श्री गंगानगर, तालचेर, ठाणे, तिरुपति, उल्हासनगर, वापी, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 7.8 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 34 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अम्बाला, अमृतसर, अररिया, बद्दी, बागपत, भिवाड़ी, भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जालंधर, जींद, कैथल, कानपुर, करनाल, खन्ना, किशनगंज, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नारनौल, पानीपत, पटियाला, सीकर, सिरसा, सोनीपत, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, खुर्जा, मेरठ, नोएडा, रोहतक शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 251 में से 14 शहरों (-39.1) में हवा 'बेहतर' है। 97 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 07 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया था।
97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज रोहतक (374) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल सरकार ने रोहतक से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए थे। कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 322 दर्ज किया गया था। वहीं आज दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 361 पर पहुंच गया है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 39 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 361 पर पहुंच गया है। मतलब की आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली में भी एक्यूआई डब्ल्यूएचओ मानकों से 2200 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
दूसरी तरफ आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जहां 60 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 264 पर पहुंच गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (361) दूसरे, जबकि नोएडा (354) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 187, गाजियाबाद में 339, गुवाहाटी में 64, गुरूग्राम में 236, नोएडा में 354, ग्रेटर नोएडा में 336 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 104 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 198, चेन्नई में 116, चंडीगढ़ में 133, हैदराबाद में 89, जयपुर में 158 और पटना में 125 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, चामराजनगर, छपरा, गडग, कलबुर्गी, कांचीपुरम, नमक्कल, रामनाथपुरम, सहरसा, समस्तीपुर, शिलांग, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अलवर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, बदलापुर, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेंगलपट्टू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धनबाद, धारवाड़, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गुवाहाटी, होसुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, झांसी, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, पाली, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, परभनी, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।