प्रदूषण में अव्वल बिहार के शहर, राजगीर में बढ़कर 330 पर पहुंचा एक्यूआई

राहत की बात यह रही कि देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 19 फरवरी 2025 से 33 फीसदी की गिरावट आई है
प्रदूषण और कोहरे के आगोश में सड़क; फोटो: आईस्टॉक
प्रदूषण और कोहरे के आगोश में सड़क; फोटो: आईस्टॉक
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देश में प्रदूषण के मामले में बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों की स्थिति ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के कई शहरों की स्थिति प्रदूषण से खराब है।

इनमें सबसे ऊपर राजगीर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 तक पहुंच गया है। हालांकि हाजीपुर में वायु गुणवत्ता 300 के नीचे बनी हुई है, लेकिन इसके साथ ही वो देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं तीसरे स्थान पर मेघालय का बर्नीहाट है, जहां एक्यूआई 257 रिकॉर्ड किया गया।

वहीं चौथे स्थान पर बिहार का एक और शहर सासाराम है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 247 रिकॉर्ड किया गया है। पांचवें स्थान पर धनबाद, जबकि छठे पर बेगूसराय  (225) है। पटना में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जहां एक्यूआई 209 बना हुआ है। कुल मिलाकर देखें तो देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में किशनगंज और मुंगेर भी शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 19 फरवरी 2025 से 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में झांसी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 34 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर राजगीर की तुलना झांसी से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा ज्यादा खराब है। झांसी की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मैहर, नागपट्टिनम, रामनाथपुरम, तंजावुर, विजयपुरा आदि शामिल हैं। कल से देखें तो स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

रुझानों के मुताबिक देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागौर, नासिक, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर आदि शामिल हैं।

 अच्छी खबर यह है कि कल (19 फरवरी 2025) से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब चार फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है। 45 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। वहीं करीब 51 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो बारिश के बाद कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है। वहां 20 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 160 पर पहुंच गया है।

कमोबेश फरीदाबाद में भी ऐसी ही स्थिति है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में पांच अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही वहां एक्यूआई 126 पर पहुंच गया है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 116 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इन शहरों में चंद्रपुर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हापुड, हसन, हावड़ा, इंफाल, जयपुर आदि शामिल हैं। 19 फरवरी से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, चामराजनगर, दमोह, झांसी, मैहर, नागपट्टिनम, रामनाथपुरम, तंजावुर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बारां, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागौर, नासिक, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्रीगंगानगर, श्री विजया पुरम, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में प्रदूषण के मामले में बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों की स्थिति ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के कई शहरों की स्थिति प्रदूषण से खराब है।

इनमें सबसे ऊपर राजगीर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 तक पहुंच गया है। हालांकि हाजीपुर में वायु गुणवत्ता 300 के नीचे बनी हुई है, लेकिन इसके साथ ही वो देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं तीसरे स्थान पर मेघालय का बर्नीहाट है, जहां एक्यूआई 257 रिकॉर्ड किया गया।

वहीं चौथे स्थान पर बिहार का एक और शहर सासाराम है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 247 रिकॉर्ड किया गया है। पांचवें स्थान पर धनबाद, जबकि छठे पर बेगूसराय  (225) है। पटना में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जहां एक्यूआई 209 बना हुआ है। कुल मिलाकर देखें तो देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में किशनगंज और मुंगेर भी शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 19 फरवरी 2025 से 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में झांसी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 34 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर राजगीर की तुलना झांसी से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा ज्यादा खराब है। झांसी की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मैहर, नागपट्टिनम, रामनाथपुरम, तंजावुर, विजयपुरा आदि शामिल हैं। कल से देखें तो स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

रुझानों के मुताबिक देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागौर, नासिक, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर आदि शामिल हैं।

 अच्छी खबर यह है कि कल (19 फरवरी 2025) से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब चार फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है। 45 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। वहीं करीब 51 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो बारिश के बाद कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है। वहां 20 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 160 पर पहुंच गया है।

कमोबेश फरीदाबाद में भी ऐसी ही स्थिति है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में पांच अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही वहां एक्यूआई 126 पर पहुंच गया है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 116 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इन शहरों में चंद्रपुर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हापुड, हसन, हावड़ा, इंफाल, जयपुर आदि शामिल हैं। 19 फरवरी से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 233 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 98 दर्ज किया गया।

97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में राजगीर (330) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 308 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों की भारी गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 160 पर पहुंच गया, इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। 

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सासाराम चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (285) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (257) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 126, गाजियाबाद में 140, गुरुग्राम में 148, नोएडा में 123, ग्रेटर नोएडा में 127 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 118 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 167, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 113, हैदराबाद में 98, जयपुर में 106 और पटना में 209 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, चामराजनगर, दमोह, झांसी, मैहर, नागपट्टिनम, रामनाथपुरम, तंजावुर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बारां, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागौर, नासिक, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्रीगंगानगर, श्री विजया पुरम, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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