प्रदूषण में अव्वल असम का नलबाड़ी, बर्नीहाट के आंकड़े नहीं आए सामने, कल 400 के पार था एक्यूआई

दूसरी तरफ देश में कांचीपुरम की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 20 रिकॉर्ड किया गया है
इंसानी शरीर में बढ़ता प्रदूषण का बोझ; इलस्ट्रेशन: आईस्टॉक
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देश में आज सभी शहरों को पीछे छोड़ असम के नलबाड़ी की हवा सबसे खराब रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक नलबाड़ी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 280 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की वहां हवा खराब बनी हुई है।

वहीं कल मेघालय के एक शहर बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब थी। हालांकि आज सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में बर्नीहाट की वायु गुणवत्ता का जिक्र नहीं है। बता दें कि कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया था।

वहीं देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद रहा, जहां एक्यूआई 257 दर्ज किया गया। इसी तरह 253 अंकों के साथ तिरुवनंतपुरम तीसरे स्थान पर बना हुआ है। गुवाहाटी में भी हालात कोई खास अच्छे नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 233 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह सिवान (216) पांचवें जबकि गुरूग्राम (202) छठे स्थान पर है। बता दें कि इन सभी छह शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।

कल (21 मार्च 2025) से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। 185 अंकों के साथ जहां अहमदनगर सातवें स्थान पर है। वहीं श्रीगंगानगर (177), बागपत (171) और चरखी दादरी (161) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

दूसरी तरफ देश में कांचीपुरम की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 20 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नलबाड़ी से तुलना करें तो कांचीपुरम में स्थिति 13 गुणा बेहतर है।

कांचीपुरम की तरह ही देश के 36 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मंगलौर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सिलचर, सुआकाती, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उज्जैन, वाराणसी आदि शामिल हैं। राहत की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 17 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 161 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 13 अंकों के उछाल के साथ सूचकांक 88 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 133 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, शिलांग, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, टेन्सा, ठाणे आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक अहमदाबाद सहित देश के 57 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में धनबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, खुर्जा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़ आदि शामिल हैं।

कल से इन शहरों की गिनती में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि प्रदूषण के लिहाज से अच्छी खबर है। यह दर्शाता है कि देश के प्रदूषण में गिरावट आई है।

रुझानों पर नजर डालें तो जहां देश के करीब 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 57 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 30 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 234 में से महज 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 134 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 21 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 115 दर्ज किया गया।

57 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नलबाड़ी (280) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 401 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 17 अंकों के इजाफे के साथ 161 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुवाहाटी चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (257) दूसरे, जबकि तिरुवनंतपुरम (253) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 257, गुरुग्राम में 202, नोएडा में 114, ग्रेटर नोएडा में 96 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 101, चेन्नई में 52, चंडीगढ़ में 86, हैदराबाद में 71, जयपुर में 111 और पटना में 106 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बठिंडा, भिलाई, चामराजनगर, कोयंबटूर, दमोह, हल्दिया, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सिलचर, सुआकाती, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उज्जैन, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गया, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, शिलांग, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 134 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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