
देश में आज नंदेसरी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 324 पर पहुंच गया है। मतलब की नंदेसरी की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 21 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी थे।
इसी तरह देश में भीलवाड़ा की स्थिति भी खराब बनी हुई है, जहां आज एक्यूआई 218 दर्ज किया गया है। मेघालय का बर्नीहाट प्रदूषण के मामले में आज तीसरे स्थान पर है, जहां सूचकांक 171 दर्ज किया गया। वहीं बीकानेर (128) चौथे जबकि विशाखापत्तनम (126) पांचवें स्थान पर है।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति गुवाहाटी की भी है जो 121 अंकों के साथ देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह जैसलमेर (120), छपरा (118) में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जो प्रदूषण के मामले में सातवें और आठवें पायदान पर है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज दौसा (112) और इंफाल (109) भी शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज देश में बीकानेर, विशाखापत्तनम, जैसलमेर, दौसा, बद्दी, पाली, श्रीगंगानगर, बाड़मेर आदि शहरों की हवा में पीएम10 के कण हावी थे।
वहीं दूसरी तरफ आज देश के 39 फीसदी से अधिक शहरों की हवा साफ है। इनमें एक बार फिर शिलांग की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 12 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो स्थिति 26 गुणा खराब है।
शिलांग की तरह ही आज देश के छोटे-बड़े 85 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में भिलाई, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से एक बार फिर देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में दस अंकों का इजाफा हुआ है। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 114 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों से पता चला है कि देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अंगुल, बद्दी, बाड़मेर, बीकानेर, बर्नीहाट, चेन्नई, छपरा, दौसा, गुवाहाटी, इंफाल, जैसलमेर, पाली, श्रीगंगानगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं आया है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
विश्लेषण के मुताबिक आज देश के जहां 39 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं 53 फीसदी से अधिक में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ सात फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 85 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 जून 2025 को यह आंकड़ा 108 दर्ज किया गया था।
14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (324) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 228 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 10 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 85 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बीकानेर चौथे स्थान पर है, वहीं भीलवाड़ा (218) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (171) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 36, गाजियाबाद में 77, गुवाहाटी में 121, गुरूग्राम में 59, नोएडा में 90, ग्रेटर नोएडा में 100 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 57 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 68, चेन्नई में 103, चंडीगढ़ में 51, हैदराबाद में 57, जयपुर में 84 और पटना में 65 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 85 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आसनसोल, बागलकोट, बारां, बारीपदा, बेलापुर, भिलाई, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हनुमानगढ़, होसुर, हुबली, जलगांव, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, महाड, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, सहरसा, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सूरत, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल,कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नोएडा, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, तालचेर, ठाणे , थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा आदि 115 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।