नंदेसरी में बढ़कर 286 पर पहुंचा एक्यूआई, साफ हवा वाले शहरों में आई तीन फीसदी की गिरावट

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के करीब 43 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ आठ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
नंदेसरी में बढ़कर 286 पर पहुंचा एक्यूआई, साफ हवा वाले शहरों में आई तीन फीसदी की गिरावट
फोटो साभार: आईस्टॉक
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देश में आज एक बार फिर गुजरात के नंदेसरी की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां 122 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 286 पर पहुंच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो नंदेसरी में प्रदूषण 1800 फीसदी अधिक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 25 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 दर्ज किया गया था। बता दें कि आज गुजरात के इस शहर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में एक बार फिर शिलांग की हवा सबसे साफ रही, जहां सूचकांक महज 10 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 28 गुणा खराब है।

प्रदूषण के मामले में मेघालय का बर्नीहाट दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 149 दर्ज किया गया है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति गाजियाबाद की है, जो 140 अंकों के साथ तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं ग्रेटर नोएडा (139) चौथे स्थान पर बना हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो 132 अंकों के साथ दिल्ली पांचवें पायदान पर है। कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 37 अंकों का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में खुर्जा (123) छठे जबकि नोएडा (118) सातवें स्थान पर है। वहीं जैसलमेर (117), दौसा (117) और लुधियाना (115) भी सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

रुझानों पर नजर डाले तो जहां ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, जैसलमेर, दौसा, लुधियाना, गुरूग्राम, गुम्मिडिपूंडी, बाड़मेर, बद्दी आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है। वहीं नंदेसरी, बर्नीहाट, गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी हैं। 

आज देश में बाड़मेर सहित 16 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बाड़मेर, बर्नीहाट, दौसा, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, इंफाल, जैसलमेर, खुर्जा, लुधियाना, नोएडा, पाली आदि शामिल हैं। राहत की बात है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में आइजोल-शिलांग सहित 90 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नयागढ़, पालकालाइपेरुर आदि शहर शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में चुरू सहित 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, रानीपेट, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के करीब 43 फीसदी शहरों की हवा साफ है, जबकि करीब आधे शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ आठ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 211 में से 90 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 जून 2025 को यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था।

16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (286) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 164 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 37 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 132 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (149) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (140) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 75, गाजियाबाद में 140, गुवाहाटी में 103, गुरूग्राम में 114, नोएडा में 118, ग्रेटर नोएडा में 139 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 74, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 48, हैदराबाद में 67, जयपुर में 67 और पटना में 70 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 90 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, सागर, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दावनगेरे, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लखनऊ, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, रानीपेट, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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