राजधानी दिल्ली में 17 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) घटकर 66 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद के प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता सूचकांक में कल से दस अंकों का इजाफा हुआ है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली, फरीदाबाद दोनों शहरों की वायु गुणवत्ता अभी संतोषजनक बनी हुई है।
इसी तरह देश के 113 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, कटक, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी आदि शहर शामिल थे।
कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, वहीं दूसरी तरफ देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 141 दर्ज किया गया है।
ऐसे में यदि श्रीगंगानगर की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा खराब है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बेगूसराय, चित्तौड़गढ़, मानेसर, बांसवाड़ा, जलना, बद्दी, पीथमपुर, देवास, और इंफाल शामिल थे। यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि देश के बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।
पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 93 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है।
इन शहरों में दौसा, देहरादून, धुले, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हिसार, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पटना, प्रयागराज आदि शहर शामिल थे।
कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में दो फीसदी से ज्यादा का इजाफा दर्ज किया गया है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम है। इन शहरों में बद्दी, बांसवाड़ा, बेगूसराय, चित्तौड़गढ़, देवास, जलना, मानेसर, पीथमपुर और श्रीगंगानगर शामिल हैं, जो देश के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भी शामिल हैं।
हालांकि कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 36 फीसदी की गिरावट आई है। कुल मिलकर देश के 43 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि करीब 53 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं देश के चार फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 218 में से 94 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था। नौ शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (141) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (66) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 17 अंकों की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 72, गाजियाबाद में 58, गुरुग्राम में 99, नोएडा में 58, ग्रेटर नोएडा में 58 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 53, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 70, हैदराबाद में 57, जयपुर में 73 और पटना में 42 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 94 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छपरा, चिक्कामगलुरु, दौसा, देहरादून, धुले, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हिसार, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पटना, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सासाराम, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उडुपी, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, यादगीर शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, कटक, दिल्ली, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कल्याण, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सूरत, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 115 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।