
देश में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला अभी थमा नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 297 तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ कांचीपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 21 रिकॉर्ड किया गया है।
ऐसे में यदि गाजियाबाद की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर कांचीपुरम से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों की तुलना में 19 गुना अधिक है।
वहीं प्रदूषण के मामले में बागपत दूसरे जबकि हाजीपुर तीसरे स्थान पर रहा, इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 226 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह 215 अंकों के साथ बर्नीहाट प्रदूषित शहरों की लिस्ट में चौथे स्थान पर रहा।
मेरठ में थी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 214 रिकॉर्ड किया गया है। प्रदूषण के मामले में आज मेरठ पांचवें स्थान पर है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 12 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 206 पर पहुंच गया। बता दें कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली छठे स्थान पर है। वहीं मुजफ्फरनगर सातवें, अहमदाबाद आठवें, बुलन्दशहर नौवें, जबकि बद्दी दसवें स्थान पर बना हुआ है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' रही। वहीं कल (23 मार्च 2025) से इन शहरों की गिनती में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में कांचीपुरम (21) की तरह ही 30 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में झांसी, कडपा, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कटिहार, कोल्हापुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रायरंगपुर आदि शहर शामिल हैं। कल (23 मार्च 2025) से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि चिंता का विषय है।
इसी तरह देश में आगरा सहित 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में ग्वालियर, हल्दिया, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कन्नूर, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही आदि शहर शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
फरीदाबाद की बात करें तो कल से वहां भी एक्यूआई में 21 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही सूचकांक बढ़कर 76 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
रुझानों पर नजर डालें तो देश में अगरतला सहित 75 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। इन शहरों में चरखी दादरी, धनबाद, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नासिक, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद आदि शहर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब 14 शहरों में हवा साफ रही। वहीं 48 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के करीब 38 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से महज 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया।
76 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (297) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल नलबाड़ी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 275 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 12 अंकों के इजाफे के साथ 206 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम से 'खराब' हो गया है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं बागपत (226) दूसरे, जबकि हाजीपुर (226) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 76, गाजियाबाद में 297, गुरुग्राम में 194, नोएडा में 122, ग्रेटर नोएडा में 149 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 92 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 149, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 152, हैदराबाद में 75, जयपुर में 114 और पटना में 164 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती, अनंतपुर, बेलगाम, चामराजनगर, कोयंबटूर, दमोह, गडग, झांसी, कडपा, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कटिहार, कोल्हापुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रानीपेट, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कन्नूर, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला अभी थमा नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 297 तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ कांचीपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 21 रिकॉर्ड किया गया है।
ऐसे में यदि गाजियाबाद की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर कांचीपुरम से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों की तुलना में 19 गुना अधिक है।
वहीं प्रदूषण के मामले में बागपत दूसरे जबकि हाजीपुर तीसरे स्थान पर रहा, इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 226 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह 215 अंकों के साथ बर्नीहाट प्रदूषित शहरों की लिस्ट में चौथे स्थान पर रहा।
मेरठ में थी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 214 रिकॉर्ड किया गया है। प्रदूषण के मामले में आज मेरठ पांचवें स्थान पर है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 12 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 206 पर पहुंच गया। बता दें कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली छठे स्थान पर है। वहीं मुजफ्फरनगर सातवें, अहमदाबाद आठवें, बुलन्दशहर नौवें, जबकि बद्दी दसवें स्थान पर बना हुआ है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' रही। वहीं कल (23 मार्च 2025) से इन शहरों की गिनती में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में कांचीपुरम (21) की तरह ही 30 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में झांसी, कडपा, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कटिहार, कोल्हापुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रायरंगपुर आदि शहर शामिल हैं। कल (23 मार्च 2025) से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि चिंता का विषय है।
इसी तरह देश में आगरा सहित 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में ग्वालियर, हल्दिया, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कन्नूर, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही आदि शहर शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
फरीदाबाद की बात करें तो कल से वहां भी एक्यूआई में 21 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही सूचकांक बढ़कर 76 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
रुझानों पर नजर डालें तो देश में अगरतला सहित 75 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। इन शहरों में चरखी दादरी, धनबाद, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नासिक, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद आदि शहर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब 14 शहरों में हवा साफ रही। वहीं 48 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के करीब 38 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से महज 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया।
76 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (297) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल नलबाड़ी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 275 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 12 अंकों के इजाफे के साथ 206 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम से 'खराब' हो गया है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं बागपत (226) दूसरे, जबकि हाजीपुर (226) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 76, गाजियाबाद में 297, गुरुग्राम में 194, नोएडा में 122, ग्रेटर नोएडा में 149 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 92 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 149, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 152, हैदराबाद में 75, जयपुर में 114 और पटना में 164 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती, अनंतपुर, बेलगाम, चामराजनगर, कोयंबटूर, दमोह, गडग, झांसी, कडपा, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कटिहार, कोल्हापुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रानीपेट, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कन्नूर, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।