बड़े शहरों से ज्यादा छोटों में 'खराब' हवा, अंगुल-बदलापुर में सबसे ज्यादा प्रदूषण

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 37 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 145 पर पहुंच गया
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक ओडिशा के अंगुल शहर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 269 दर्ज किया गया।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में बदलापुर (239) दूसरे, जबकि गुवाहाटी (230) तीसरे स्थान पर है। चौथे स्थान पर मौजूद नयागढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक (एक्यूआई) 230 रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं 219 अंकों के साथ श्रीगंगानगर आज पांचवें स्थान पर रहा। इसी तरह दुर्गापुर (213) छठे, जबकि बारबिल (210) सातवें स्थान पर रहा। बिलीपाड़ा देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आठवें स्थान पर बना हुआ है, जहां एक्यूआई 201 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि इन सभी आठवां शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

कल (17 मार्च 2025) की तुलना में देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में सौ फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में समस्तीपुर और गाजियाबाद भी शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि अंगुल की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है।

पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 21 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में दमोह, हुबली, झांसी, कडपा, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 37 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 145 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की बात करें तो वहां भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 21 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 82 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के 130 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नोएडा, ऊटी, पाली, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

रुझानों के मुताबिक देश में अहमदाबाद सहित 70 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, धनबाद, गंगटोक, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जलगांव, झुंझुनूं, कल्याण, करौली, खुर्जा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंडीदीप, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 34 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। दूसरी तरफ करीब 57 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 231 में से महज 22 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 131 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 128 दर्ज किया गया।

70 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में अंगुल (269) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 270 के करीब पहुंच गया। कल तिरुचिरापल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी, जब एक्यूआई 318 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 37 अंकों के इजाफे के साथ बढ़कर 145 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नयागढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं बदलापुर (239) दूसरे, जबकि गुवाहाटी (230) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 82, गाजियाबाद में 178, गुरुग्राम में 156, नोएडा में 90, ग्रेटर नोएडा में 76 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 87 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 83, चेन्नई में 49, चंडीगढ़ में 78, हैदराबाद में 88, जयपुर में 105 और पटना में 126 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 22 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अररिया, चेन्नई, कुड्डालोर, दमोह, हुबली, झांसी, कडपा, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, तिरुनेलवेली, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कलबुर्गी, कानपुर, करूर, कारवार, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नोएडा, ऊटी, पाली, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 131 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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