आज देश में अमृतसर की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 दर्ज किया गया। रुझानों पर नजर डालें तो इस दौरान अमृतसर की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो अमृतसर में प्रदूषण का स्तर 1,460 फीसदी अधिक है।
वहीं कल देश में अररिया की हवा सबसे प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 368 पर पहुंच गया था। हालांकि आज सरकारी आंकड़ों में अररिया नदारद था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 21 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में मंडी गोबिंदगढ़ दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 205 रिकॉर्ड किया गया।
मतलब कि आज देश में अमृतसर और मंडी गोबिंदगढ़ दोनों शहरों की हवा 'खराब' है।
वहीं 192 अंकों के साथ ब्रजराजनगर तीसरे जबकि सागर (178) चौथे स्थान पर है। धौलपुर भी 134 अंकों के साथ पांचवें जबकि नंदेसरी (129) छठे स्थान पर है। श्रीगंगानगर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 114 अंकों के साथ सातवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बीकानेर (113), नोएडा (110) और बद्दी (107) भी शामिल हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां अमृतसर, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी, श्रीगंगानगर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं धौलपुर, बीकानेर, नोएडा, बद्दी, झांसी, दौसा, गाजियाबाद, आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह ब्रजराजनगर में ओजोन हावी है।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के करीब 43 फीसद शहरों की हवा साफ है। वहीं छह फीसदी में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जबकि देश में आधे से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों के उलट आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि अमृतसर से तुलना करें तो शिलांग में हवा 20 गुणा बेहतर है।
देश में आज भी 89 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हुबली, जालंधर, जलगांव, जलना, कल्याण, काशीपुर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 18 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 93 पर पहुंच गया है।
दिल्ली की तरह ही देश के 107 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया। इन शहरों में कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर आदि शहर शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, दौसा, धौलपुर, गाजियाबाद, झांसी, नंदेसरी, नोएडा, सागर, श्रीगंगानगर आदि शामिल हैं। देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता श्रेणी वाले शहरों की गिनती में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 209 में से 89 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 20 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 118 दर्ज किया गया था।
11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अमृतसर (234) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 240 के करीब पहुंच गया। कल अररिया में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 368 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 18 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 93 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सागर चौथे स्थान पर है, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (205) दूसरे, जबकि ब्रजराजनगर (192) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 62, गाजियाबाद में 105, गुवाहाटी में 31, हापुड में 60, नोएडा में 110, ग्रेटर नोएडा में 99 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 76, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 57, हैदराबाद में 70, जयपुर में 87 और पटना में 70 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 89 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गडग, गांधीनगर, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हुबली, जालंधर, जलगांव, जलना, कल्याण, काशीपुर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेतिया, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दमोह, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिवान, सूरत, तालचेर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।