एयर क्वालिटी ट्रैकर: होली पर दिल्ली-गाजियाबाद में बढ़ा प्रदूषण, पटना में भी स्थिति खराब

देश के 10 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 48 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
 प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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देश में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा, लगातार उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में गाजियाबाद की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 54 अंकों के उछाल के साथ 292 पर पहुंच गया है।

वहीं प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 283 रिकॉर्ड किया गया है। 256 अंकों के साथ बारबिल तीसरे जबकि दुर्गापुर (249) चौथे स्थान पर है। पटना में भी कमोबेश स्थिति ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह अंगुल (233) आज प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर है। रायरंगपुर-नयागढ़ भी सातवें, आठवें स्थान पर बने हुआ हैं।

प्रदूषण के मामले में ओड़िशा का राउरकेला नौवें स्थान पर है, जहां एक्यूआई 227 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं देश के प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज अहमदनगर (226) दसवें स्थान पर रहा।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल (13 मार्च 2025) से प्रदूषण में 19 अंकों का इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 198 पर पहुंच गया है।

दूसरी तरफ देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है। पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 23 अन्य शहरों में हवा साफ है।

इन शहरों में दमोह, हुबली, झांसी, मदिकेरी, मंगलौर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, ऊटी आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

फरीदाबाद की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में मामूली का इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 96 पर पहुंच गया है। राहत की बात यह रही कि वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के 96 शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

इन शहरों में जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कन्नूर, करौली, करूर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, पटियाला, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, श्री विजया पुरम, सूरत, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों पर नजर डालें तो मिजोरम के आइजोल सहित 99 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है। इन शहरों में छपरा, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धुले, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हापुड, हावड़ा, इंफाल, जलगांव, जलना, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ आदि शहर शामिल हैं।

कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर कहें तो देश के जहां देश के 10 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 48 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इन शहरों में प्रदूषण के महीन कणों का स्तर मानकों से कई गुणा अधिक है। इसी तरह करीब 42 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 232 में से महज 24 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 84 दर्ज किया गया।

99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (292) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल तालचेर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी, जब एक्यूआई 280 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 19 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 198 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (283) दूसरे, जबकि बारबिल (256) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 96, गाजियाबाद में 292, गुरुग्राम में 135, नोएडा में 132, ग्रेटर नोएडा में 120 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 120 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 90, हैदराबाद में 89, जयपुर में 95 और पटना में 235 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 24 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, अरियालूर, बठिंडा, बेलगाम, चित्तूर, दमोह, हुबली, झांसी, मदिकेरी, मंगलौर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, बद्दी, बालासोर, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कन्नूर, करौली, करूर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, पटियाला, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, श्री विजया पुरम, सूरत, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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