एयर क्वालिटी ट्रैकर: प्रदूषण में अव्वल हाजीपुर, तिरुनेलवेली में सबसे साफ रही हवा

प्रदूषण में गिरावट के बावजूद अभी भी देश के चार फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 54 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
एयर क्वालिटी ट्रैकर: प्रदूषण में अव्वल हाजीपुर, तिरुनेलवेली में सबसे साफ रही हवा
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प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का सिलसिला 19 फरवरी 2025 को भी जारी रहा। इस दौरान दिल्ली सहित कई शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया। हालांकि अभी भी साफ हवा वाले शहरों की गिनती देश में चार फीसदी से भी कम है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश में हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 308 दर्ज किया गया। वहीं दूसरी तरफ तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 34 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में इन दोनों शहरों की गुणवत्ता में नौ गुणा का अंतर है।

आंकड़ों के मुताबिक विशाखापत्तनम देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जहां एक्यूआई 300 रिकॉर्ड किया गया है। राजगीर भी 286 अंको के साथ तीसरे स्थान पर है। वहीं प्रदूषण के मामले में तिरुवनंतपुरम चौथे स्थान पर है। पटना में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 260 अंको के साथ देश के पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है।

देश में ग्वालियर सहित 12 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में विशाखापत्तनम, राजगीर, तिरुवनंतपुरम, पटना, बारबिल, बक्सर, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, कुंजेमुरा, आसनसोल, सासाराम शामिल हैं। वहीं कल (18 फरवरी 2025) से तुलना करें तो इन शहरों में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो एक बार फिर प्रदूषण में गिरावट आई है, जिसके साथ ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता 29 अंकों के सुधार के साथ मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। फरीदाबाद में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है, जहां 30 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 131 पर पहुंच गया है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 111 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, दिल्ली, देवास, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोटा, लातूर, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विरुधुनगर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली की तरह ही आठ अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में प्रयागराज, रामनाथपुरम, तंजावुर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शामिल हैं। राहत की बात रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, नगांव, नागपट्टिनम, नांदेड़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, परभनी, पटियाला, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर आदि शामिल हैं। कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

हालांकि सुधार के बावजूद अभी भी देश में चार फीसदी से कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 54 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश में 42 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 233 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया।

113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (308) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 336 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 29 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 180 पर पहुंच गया, इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। 

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज तिरुवनंतपुरम चौथे स्थान पर है, वहीं विशाखापत्तनम (300) दूसरे, जबकि राजगीर (286) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 131, गाजियाबाद में 115, गुरुग्राम में 181, नोएडा में 106, ग्रेटर नोएडा में 136 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 152, चेन्नई में 92, चंडीगढ़ में 93, हैदराबाद में 90, जयपुर में 114 और पटना में 260 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, चामराजनगर, झांसी, कांचीपुरम, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तंजावुर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हापुड, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, कलबुर्गी, करौली, करूर, कारवार, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, नगांव, नागपट्टिनम, नांदेड़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, परभनी, पटियाला, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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