देश के महज छह शहरों में खराब है वायु गुणवत्ता, दिल्ली-फरीदाबाद में आज भी प्रदूषण में आई गिरावट

कल से दिल्ली में भी प्रदूषण के स्तर में तीन अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 131 पर पहुंच गया है
देश के कई शहरों  में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश में हर गुजरते दिन के साथ वायु गुणवत्ता में सुधार आ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अब देश के महज छह शहरों में हवा 'खराब' रह गई है। इन शहरों में मेघालय के शहर बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 284 दर्ज किया गया है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज कटक दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 256 दर्ज किया गया है।

श्री गंगानगर में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां सूचकांक 229 दर्ज किया गया है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में श्री गंगानगर तीसरे स्थान पर है। तालचेर में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जहां सूचकांक 222 रिकॉर्ड किया है। इसी तरह 217 अंकों के साथ मुजफ्फरपुर प्रदूषण के मामले में पांचवें, जबकि मंडीदीप (205) छठे स्थान पर है।

इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। राहत की बात यह रही कि देश में कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ आज रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा बेहतर है।

रामनाथपुरम की तरह ही देश के 22 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, समस्तीपुर, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा आदि शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में आगरा सहित 110 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हापुड, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश के 97 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद बिहार, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दावनगेरे, दिल्ली, धनबाद, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कटनी, क्योंझर आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के दस फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 43 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह करीब 47 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से महज 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया।97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (284) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में तीन अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरकर 131 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज तालचेर चौथे स्थान पर है, वहीं कटक (256) दूसरे, जबकि श्री गंगानगर (229) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 110, गाजियाबाद में 82, गुरुग्राम में 191, नोएडा में 111, ग्रेटर नोएडा में 89 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 116, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 106, जयपुर में 133 और पटना में 140 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, बरेली, बठिंडा, बिलासपुर, चामराजनगर, दमोह, झांसी, कांचीपुरम, कोलार, मैहर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, समस्तीपुर, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बारां, बारीपदा, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, उडुपी, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में हर गुजरते दिन के साथ वायु गुणवत्ता में सुधार आ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अब देश के महज छह शहरों में हवा 'खराब' रह गई है। इन शहरों में मेघालय के शहर बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 284 दर्ज किया गया है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज कटक दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 256 दर्ज किया गया है।

श्री गंगानगर में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां सूचकांक 229 दर्ज किया गया है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में श्री गंगानगर तीसरे स्थान पर है। तालचेर में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जहां सूचकांक 222 रिकॉर्ड किया है। इसी तरह 217 अंकों के साथ मुजफ्फरपुर प्रदूषण के मामले में पांचवें, जबकि मंडीदीप (205) छठे स्थान पर है।

इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। राहत की बात यह रही कि देश में कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ आज रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा बेहतर है।

रामनाथपुरम की तरह ही देश के 22 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, समस्तीपुर, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा आदि शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में आगरा सहित 110 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हापुड, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश के 97 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद बिहार, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दावनगेरे, दिल्ली, धनबाद, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कटनी, क्योंझर आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के दस फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 43 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह करीब 47 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से महज 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया।97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (284) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में तीन अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरकर 131 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज तालचेर चौथे स्थान पर है, वहीं कटक (256) दूसरे, जबकि श्री गंगानगर (229) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 110, गाजियाबाद में 82, गुरुग्राम में 191, नोएडा में 111, ग्रेटर नोएडा में 89 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 116, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 106, जयपुर में 133 और पटना में 140 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, बरेली, बठिंडा, बिलासपुर, चामराजनगर, दमोह, झांसी, कांचीपुरम, कोलार, मैहर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, समस्तीपुर, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बारां, बारीपदा, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, उडुपी, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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