दिल्ली-फरीदाबाद में सुधरी हवा, पांच शहरों में बेहद खराब है वायु गुणवत्ता

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 19 रिकॉर्ड किया गया है
देश के कई शहरों  में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश में दिल्ली-फरीदाबाद को पीछे छोड़ दुर्गापुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 340 तक पहुंच गया है। बता दें कि कल बर्नीहाट में हवा सबसे प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 316 रिकॉर्ड किया गया था।

दुर्गापुर की तरह ही देश के चार अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब बना हुआ है। इन शहरों में पाली (318), आसनसोल (316), बैरकपुर (303), और जोधपुर (301) शामिल हैं। मतलब की कहीं न कहीं जहां बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता सुधर रही है, वहीं छोटे शहरों में स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, आरा, बारबिल, बेतिया, भागलपुर, बीकानेर, चुरू, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, कटिहार, लखनऊ, मोतिहारी, मुंगेर, नागौर, नलबाड़ी, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, सासाराम, सीकर, टोंक शामिल हैं। हालांकि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 35 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 19 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दुर्गापुर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा ज्यादा खराब है।

बता दें कि देश में आइजोल की तरह ही 23 अन्य शहरों में हवा साफ है, जहां एक्यूआई 50 या उससे कम बना हुआ है। इन शहरों में कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, पालकलाईपेरुर, पलवल, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं। देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में भी 23 फीसदी की गिरावट आई है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 98 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में पंचकुला, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 23 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो 116 अंकों की भारी गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 186 पर पहुंच गया है। वहीं पड़ोसी शहर फरीदाबाद में 86 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता संतोषजनक हो गई है, जहां एक्यूआई 60 रिकॉर्ड किया गया है।

दिल्ली की तरह ही देश के 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमृतसर, अंगुल, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कानपुर, करनाल, कटनी, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, महाड, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सिवान, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा , तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर  शामिल हैं।

राहत की बात यह रहे की देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब दस फीसदी शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। वहीं 51 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक है। दूसरी तरफ देश के 39 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 251 में से महज 24 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 दिसंबर को यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दुर्गापुर (340) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 316 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 116 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारकर 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण से कुछ राहत मिली है।

वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को बेहद बीमार बना सकता है। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज बैरकपुर चौथे स्थान पर है, वहीं पाली (318) दूसरे, जबकि आसनसोल (316) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 60, गाजियाबाद में 135, गुरुग्राम में 156, नोएडा में 92, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 94 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 112 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 226, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 104, हैदराबाद में 67, जयपुर में 172 और पटना में 275 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 24 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, फिरोजाबाद, गडग, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, पालकलाईपेरुर, पलवल, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, झांसी, जींद, कैथल, कन्नूर, करौली, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, नोएडा, ऊटी, पंचकुला, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उज्जैन, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। 

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में दिल्ली-फरीदाबाद को पीछे छोड़ दुर्गापुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 340 तक पहुंच गया है। बता दें कि कल बर्नीहाट में हवा सबसे प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 316 रिकॉर्ड किया गया था।

दुर्गापुर की तरह ही देश के चार अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब बना हुआ है। इन शहरों में पाली (318), आसनसोल (316), बैरकपुर (303), और जोधपुर (301) शामिल हैं। मतलब की कहीं न कहीं जहां बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता सुधर रही है, वहीं छोटे शहरों में स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, आरा, बारबिल, बेतिया, भागलपुर, बीकानेर, चुरू, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, कटिहार, लखनऊ, मोतिहारी, मुंगेर, नागौर, नलबाड़ी, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, सासाराम, सीकर, टोंक शामिल हैं। हालांकि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 35 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 19 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दुर्गापुर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा ज्यादा खराब है।

बता दें कि देश में आइजोल की तरह ही 23 अन्य शहरों में हवा साफ है, जहां एक्यूआई 50 या उससे कम बना हुआ है। इन शहरों में कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, पालकलाईपेरुर, पलवल, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं। देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में भी 23 फीसदी की गिरावट आई है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 98 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में पंचकुला, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 23 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो 116 अंकों की भारी गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 186 पर पहुंच गया है। वहीं पड़ोसी शहर फरीदाबाद में 86 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता संतोषजनक हो गई है, जहां एक्यूआई 60 रिकॉर्ड किया गया है।

दिल्ली की तरह ही देश के 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमृतसर, अंगुल, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कानपुर, करनाल, कटनी, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, महाड, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सिवान, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा , तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर  शामिल हैं।

राहत की बात यह रहे की देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब दस फीसदी शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। वहीं 51 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक है। दूसरी तरफ देश के 39 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 251 में से महज 24 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 दिसंबर को यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दुर्गापुर (340) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 316 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 116 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारकर 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण से कुछ राहत मिली है।

वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को बेहद बीमार बना सकता है। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज बैरकपुर चौथे स्थान पर है, वहीं पाली (318) दूसरे, जबकि आसनसोल (316) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 60, गाजियाबाद में 135, गुरुग्राम में 156, नोएडा में 92, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 94 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 112 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 226, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 104, हैदराबाद में 67, जयपुर में 172 और पटना में 275 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 24 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, फिरोजाबाद, गडग, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, पालकलाईपेरुर, पलवल, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, झांसी, जींद, कैथल, कन्नूर, करौली, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, नोएडा, ऊटी, पंचकुला, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उज्जैन, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। 

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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