
देश में कल से वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। आज यानी 13 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में झांसी सहित 24 शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। वहीं कल इन शहरों की संख्या महज 12 थी, यानी कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है।
हालांकि इसके बावजूद अभी भी देश के महज 10 फीसदी शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोलार, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, समस्तीपुर आदि शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 रिकॉर्ड किया गया है। गौरतलब है कि कल देवास की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 रिकॉर्ड किया गया था। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना झांसी से करें तो वहां स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है।
वहीं प्रदूषण के मामले में आज अजमेर (266) दूसरे, जबकि कटक (255) तीसरे स्थान पर रहा। वहीं 240 अंकों के साथ दुर्गापुर प्रदूषण के मामले में आज चौथे स्थान पर है। कमोबेश हाजीपुर में भी कुछ ऐसी ही स्थिती है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह तालचेर में भी हवा खराब बनी हुई है, जहां एक्यूआई 215 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आसनसोल (210) सातवें स्थान पर रहा।
इसी तरह 208 अंकों के साथ गंगटोक आठवें जबकि तुमकुरु (206) नौवें स्थान पर रहा। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ब्यासनगर (202) भी शामिल है। इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।
हालांकि राहत की बात यह रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 40 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह देश के करीब 44 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। देश के जिन 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है, उनमें देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मिलुपारा, मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर आदि शामिल हैं।
कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में अच्छी-खासी गिरावट आई है, जहां 78 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। 11 अंकों के सुधार के साथ फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 132 पर पहुंच गया है।
दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 99 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम पर बना हुआ है। वहीं कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से महज 24 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया।
99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (324) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। वहीं कल देवास में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 78 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरकर 134 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर चौथे स्थान पर है, वहीं अजमेर (266) दूसरे, जबकि कटक (255) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 132, गाजियाबाद में 80, गुरुग्राम में 167, नोएडा में 105, ग्रेटर नोएडा में 96 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 121 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 124, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 94, जयपुर में 124 और पटना में 176 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 24 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अमरावती, बरेली, बठिंडा, बिलासपुर, चामराजनगर, गडग, हावेरी, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कटिहार, कोलार, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, समस्तीपुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मिलुपारा, मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिवान, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विरुधुनगर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में कल से वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। आज यानी 13 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में झांसी सहित 24 शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। वहीं कल इन शहरों की संख्या महज 12 थी, यानी कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है।
हालांकि इसके बावजूद अभी भी देश के महज 10 फीसदी शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोलार, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, समस्तीपुर आदि शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 रिकॉर्ड किया गया है। गौरतलब है कि कल देवास की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 रिकॉर्ड किया गया था। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना झांसी से करें तो वहां स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है।
वहीं प्रदूषण के मामले में आज अजमेर (266) दूसरे, जबकि कटक (255) तीसरे स्थान पर रहा। वहीं 240 अंकों के साथ दुर्गापुर प्रदूषण के मामले में आज चौथे स्थान पर है। कमोबेश हाजीपुर में भी कुछ ऐसी ही स्थिती है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह तालचेर में भी हवा खराब बनी हुई है, जहां एक्यूआई 215 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आसनसोल (210) सातवें स्थान पर रहा।
इसी तरह 208 अंकों के साथ गंगटोक आठवें जबकि तुमकुरु (206) नौवें स्थान पर रहा। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ब्यासनगर (202) भी शामिल है। इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।
हालांकि राहत की बात यह रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 40 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह देश के करीब 44 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। देश के जिन 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है, उनमें देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मिलुपारा, मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर आदि शामिल हैं।
कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में अच्छी-खासी गिरावट आई है, जहां 78 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। 11 अंकों के सुधार के साथ फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 132 पर पहुंच गया है।
दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 99 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम पर बना हुआ है। वहीं कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से महज 24 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया।
99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (324) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। वहीं कल देवास में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 78 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरकर 134 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर चौथे स्थान पर है, वहीं अजमेर (266) दूसरे, जबकि कटक (255) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 132, गाजियाबाद में 80, गुरुग्राम में 167, नोएडा में 105, ग्रेटर नोएडा में 96 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 121 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 124, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 94, जयपुर में 124 और पटना में 176 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 24 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अमरावती, बरेली, बठिंडा, बिलासपुर, चामराजनगर, गडग, हावेरी, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कटिहार, कोलार, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, समस्तीपुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मिलुपारा, मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिवान, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विरुधुनगर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।