दिल्ली-फरीदाबाद में सुधरी हवा, हाजीपुर-सहरसा सहित 51 फीसदी शहरों में चिंताजनक हैं हालात

दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जहां 90 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 पर पहुंच गया
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
Published on

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जहां 90 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 पर पहुंच गया है।

इसी तरह पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई है। फरीदाबाद में 70 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 175 पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि एक महीने से भी ज्यादा समय के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आज भी हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 345 पर पहुंच गया। हालांकि कल से तुलना करें तो हाजीपुर की हवा में आठ अंकों का सुधार आया है।

हाजीपुर की तरह ही देश में सहरसा (332), दुर्गापुर (323), आसनसोल (315), और बर्नीहाट (310) में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ देश में बेलगाम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 25 दर्ज किया गया है।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना बेलगाम से करें तो वहां स्थित करीब 13 गुणा ज्यादा खराब है।

देश में बेलगाम की तरह ही 33 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में पलवल, रामनगर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, यादगीर आदि शहर शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसके विपरीत अगरतला सहित देश के छोटे बड़े 25 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, अररिया, बालासोर, बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बक्सर, ब्यासनगर, हल्दिया, हावड़ा, जैसलमेर, कटिहार, किशनगंज, कोलकाता, मंडीदीप, मोतिहारी, मुंगेर, नलबाड़ी, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, सिंगरौली आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 29 फीसदी की गिरावट आई है।

एक और अच्छी खबर यह रही की कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके बाद देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर 86 पर पहुंच गया है। देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है, उनमें फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोरापोखर, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करौली, करनाल, करूर, खन्ना, कोहिमा आदि शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक देश में दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही 99 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अकोला, अम्बाला, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारूहेड़ा, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कल्याण, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, टोंक, उल्हासनगर, वापी, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में 'मध्यम' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर कहें तो देश के करीब 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 52 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, जबकि करीब 35 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 249 में से महज 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 दिसंबर को यह आंकड़ा 77 दर्ज किया गया था। 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (345) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल भी हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 90 अंकों की गिरावट आई है। अब वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। बता दें कि 15 अक्टूबर के बाद यह पहला मौका है जब दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम श्रेणी में पहुंचा है। वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को बेहद बीमार बना सकता है।

इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट पांचवे स्थान पर है, वहीं सहरसा (332) दूसरे, जबकि दुर्गापुर (323) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 175, गाजियाबाद में 102, गुरुग्राम में 140, नोएडा में 110, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 129 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 139 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 150, चेन्नई में 45, चंडीगढ़ में 114, हैदराबाद में 61, जयपुर में 171 और पटना में 260 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, बीदर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, गडग, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोल्हापुर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पलवल, रामनगर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोरापोखर, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करौली, करनाल, करूर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नांदेड़, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in