बारिश के बावजूद दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, सभी शहरों में आज भी सबसे प्रदूषित है जलना

हालांकि आंकड़ों के मुताबिक देश के आधे शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 41 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा संतोषजनक है
दिल्ली में लम्बे समय से प्रदूषण की समस्या चली आ रही है, जिससे निपटने के लिए अभी भी ठोस करवाई की दरकार है; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
दिल्ली में लम्बे समय से प्रदूषण की समस्या चली आ रही है, जिससे निपटने के लिए अभी भी ठोस करवाई की दरकार है; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
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राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों लगातार बारिश के बावजूद प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया है। जहां 42 अंकों के अच्छा के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 100 के पार पहुंच गया है। इस तरह दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। बता दें कि फरीदाबाद में 34 अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 92 पर पहुंच गया। हालांकि वहां अब भी वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

वहीं लगातार दूसरे दिन जलना देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। जलना में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 282 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में रोहतक, श्रीगंगानगर, ग्रेटर नोएडा, सिंगरौली, बक्सर, रूपनगर, बिहारशरीफ, गुम्मिडिपूंडी, गाजियाबाद, शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 13 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि जलना की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां प्रदूषण का स्तर करीब 21 गुणा ज्यादा है। हालांकि पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के छोटे बड़े 111 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मोतिहारी आदि शामिल थे। कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश के 91 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दौसा, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, झांसी, जींद, जोधपुर, कानपुर आदि शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ आंकड़ों के मुताबिक देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से करीब 39 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 18 पर पहुंच गई है। देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में बिहारशरीफ, बक्सर, छपरा, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, इंफाल, झुंझुनूं, नोएडा, रायचुर, राजगीर, रोहतक, रूपनगर, समस्तीपुर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर शामिल थे।

कुल मिलकर कहें तो कल से देश की वायु गुणवत्ता खराब हुई है। हालांकि आंकड़ों के मुताबिक अभी भी देश के आधे शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 41 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा संतोषजनक है, जबकि करीब नौ फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से 111 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 91 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था। 18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में जलना (282) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (102) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 42 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 92, गाजियाबाद में 106, गुरुग्राम में 103, नोएडा में 101, ग्रेटर नोएडा में 150 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 50, चेन्नई में 45, चंडीगढ़ में 57, हैदराबाद में 57, जयपुर में 51 और पटना में 90 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 111 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, बागलकोट, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवानी, बीदर, बिलासपुर, बूंदी, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, डिंडीगुल, फतेहाबाद, गडग, गांधीनगर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हुबली, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अम्बाला, अमृतसर, अनंतपुर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारीपदा, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दौसा, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, झांसी, जींद, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लातूर, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पानीपत, परभनी, पटना, पीथमपुर, रायपुर, राजसमंद, सागर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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