इंफाल में 500 पार पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक, जानें देश के बड़े शहरों का हाल

देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या गिरकर 16 फीसदी पर पहुंच गई है। वहीं देश के 58 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है
भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक
भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक
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बढ़ते प्रदूषण से इंफाल में स्थिति जानलेवा हो गई है, जहां प्रदूषण आपात स्थिति तक पहुंच गया है। ताजा रुझानों पर गौर करें तो इंफाल में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 500 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 22 दर्ज किया गया है। यदि इन दोनों शहरों की तुलना करें तो इंफाल की स्थिति 22 गुणा ज्यादा खराब है।

इसी तरह पीथमपुर में भी हवा दमघोंटू हो चुकी है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 208 रिकॉर्ड किया गया है। इंफाल-पीथमपुर के साथ-साथ देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडीदीप, रतलाम, बीकानेर, गाजियाबाद, जलना, विशाखापत्तनम, बद्दी और परभनी शामिल थे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक आइजोल की तरह ही देश के 38 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में मोतिहारी, मुंगेर, नारनौल, ऊटी, प्रयागराज, रामनाथपुरम, सागर, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 28 फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े रुझानों पर नजर डाले तो कल से प्रदूषण के स्तर 17 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 126 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में दो अंकों की मामूली गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।

गौरतलब है कि देश में फरीदाबाद की तरह ही 141 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में गोरखपुर, हाजीपुर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झांसी, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगुराहा आदि शहर शामिल थे। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 60 पर पहुंच गई है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बल्लभगढ़, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दिल्ली, देवास, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, करौली, काशीपुर, खुर्जा, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नासिक, नोएडा, पाली, परभनी, पुणे, रायचुर, रतलाम, सीकर, सिवान, सूरत, उज्जैन, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि शहर शामिल थे।

कुल मिलकर देखे तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या गिरकर 16 फीसदी पर पहुंच गई है। वहीं देश के 58 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है, जबकि करीब 26 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 243 में से 39 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 142 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 136 दर्ज किया गया था। 60 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में इंफाल (500) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 510 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (126) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 17 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 80, गाजियाबाद में 163, गुरुग्राम में 120, नोएडा में 121, ग्रेटर नोएडा में 126 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 116 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 73, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 87, हैदराबाद में 89, जयपुर में 133 और पटना में 88 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 39 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गुवाहाटी, हसन, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कटिहार, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, मंगलौर, मोतिहारी, मुंगेर, नारनौल, ऊटी, प्रयागराज, रामनाथपुरम, सागर, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, कटक, दमोह, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गोरखपुर, हाजीपुर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झांसी, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरोही, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर, यमुनानगर आदि 142 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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