सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई

उत्तर प्रदेश के 17 शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या बरकरार: एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल

रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी 17 शहरों के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्ययोजनाएं (क्लीन एयर एक्शन प्लान) तैयार की हैं
Published on

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने उत्तर प्रदेश के 17 शहरों को ऐसे नॉन-अटेनमेंट शहरों के रूप में चिन्हित किया है, जहां वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। इनमें 7 बड़े (मिलियन प्लस) और 10 छोटे शहर शामिल हैं। गौरतलब है कि नॉन-अटेनमेंट शहर वो होते हैं जहां वायु गुणवत्ता,  राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों पर पूरी तरह खरी नहीं है।

यह जानकारी 30 अक्टूबर 2025 को उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दायर कार्रवाई रिपोर्ट में दी गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी 17 शहरों के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्ययोजनाएं (क्लीन एयर एक्शन प्लान) तैयार की हैं। इन योजनाओं में शहर विशेष को ध्यान में रखते हुए वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने रुपरेखा तैयार की गई है। ये योजनाएं प्रत्येक शहर के उपलब्ध आंकड़ों और वहां के प्रदूषण स्रोतों के अध्ययन के आधार पर बनाई गई हैं।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार ने बनाई हैं योजनाएं

वर्तमान में, ये योजनाएं स्थानीय शहरी निकायों द्वारा लागू की जा रही हैं। इन्हें विभिन्न विभागों से परामर्श लेकर तैयार किया गया है, जिन्हें बाद में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी मिली है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजियाबाद के लिए प्रदूषण के स्रोतों के अध्ययन के आधार पर संशोधित कार्ययोजना तीन महीनों के भीतर तैयार कर सीपीसीबी को सौंपी जाएगी। बाकी 12 शहरों की संशोधित योजनाएं संबंधित संस्थानों से अध्ययन रिपोर्ट मिलते ही तैयार कर दी जाएंगी।

यह भी पढ़ें
जहरबुझी हवा: प्रदूषण का हॉटस्पॉट बने हरियाणा-उत्तर प्रदेश, धारूहेड़ा में 434 पर पहुंचा एक्यूआई
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई

गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चार सितंबर 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यावरण विभागों के सचिवों को निर्देश दिया था कि वे वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान से जुड़ा अध्ययन जल्द से जल्द पूरा करें और उसकी स्थिति की जानकारी अदालत से साझा करें।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 नवंबर, 2025 को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पांच शहर उत्तर प्रदेश के हैं। इन शहरों में मेरठ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, नोएडा, हापुड़ शामिल हैं।

इस दौरान जहां मेरठ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 381 पर पहुंच गया है। वहीं साथ ही गाजियाबाद (351), बुलन्दशहर (348), नोएडा (348) और हापुड (346) में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है।

Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in