भारत में बढ़ता प्रदूषण का थमने का नाम ही नहीं ले रहा। आज भी देश के 76 फीसदी से ज्यादा शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं महज चार फीसदी शहरों में हवा साफ है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज फिर देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 460 दर्ज किया गया है। हालांकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कल से 34 अंकों का सुधार आया है। इसके बावजूद दिल्ली में प्रदूषण के चलते हवा जहरीली बनी हुई है।
बता दें कि पिछले चार दिनों में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा 'गंभीर' न रही हो। वहीं इस महीने में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब प्रदूषण जानलेवा न रहा हो। गौरतलब है कि कल दिल्ली में एक्यूआई 494 रिकॉर्ड किया गया था।
देश में दिल्ली ही नहीं पांच अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' बनी हुई है। इन शहरों में गाजियाबाद (434), हापुड (419), बुलन्दशहर (416), हाजीपुर (404) और गुरूग्राम (402) शामिल हैं, जहां एक्यूआई 400 के पार है। वहीं बल्लभगढ़ में भी एक्यूआई 400 पर बना हुआ है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में गंभीर हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 46 फीसदी की गिरावट आई है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 320 दर्ज किया गया है। हालांकि फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में 47 अंकों की गिरावट आई है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 18 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, चरखी दादरी, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हिसार, जींद, खुर्जा, मानेसर, मेरठ, नारनौल, नोएडा, पानीपत, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में कल से करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आगरा की तरह ही देश के छोटे-बड़े 58 शहरों में हवा खराब है।
इन शहरों में अहमदनगर, अमृतसर, आसनसोल, बद्दी, बारां, बैरकपुर, बेगूसराय, बेतिया, भरतपुर, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, देवास, धौलपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, खन्ना, कोल्हापुर, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पटना, पीथमपुर, राजगीर, रोहतक, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सीकर, सूरत, तालचेर, उज्जैन, यमुनानगर शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 34 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश के महज दस शहरों में वायु गुणवत्ता साफ है। इन शहरों में आइजोल की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां एक्यूआई 29 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि आइजोल की तरह ही जिन शहरों में हवा साफ है, उनमें तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के 51 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में ऋषिकेश, राउरकेला, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
बता दें कि देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गोरखपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रतलाम, रूपनगर, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे , तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
कुल मिलाकर देखें तो देश के महज चार फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' है। दूसरी तरफ 76 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई। वहीं करीब 20 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 258 में से महज दस शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 51 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 55 दर्ज किया गया था। 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (460) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 500 के करीब पहुंच गया। हालांकि कल दिल्ली में हवा कहीं ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई 494 दर्ज किया गया था। कल से दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 34 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बावजूद आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' स्तर पर बना हुआ है। मतलब की इस महीने में लगातार 19 दिन से दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। वहीं पिछले चार दिनों से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार बना हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 320, गाजियाबाद में 434, गुरुग्राम में 402, नोएडा में 370, ग्रेटर नोएडा में 372 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 123 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 269, चेन्नई में 126, चंडीगढ़ में 207, हैदराबाद में 114, जयपुर में 220 और पटना में 295 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन दस शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कांचीपुरम, नगांव, नाहरलगुन, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल रहे।
वहीं अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भिलाई, चेंगलपट्टू, छाल, चिक्कामगलुरु, एलूर, गडग, गुवाहाटी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नांदेड़, ऊटी, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, विजयवाड़ाआदि 51 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।