भारत के 55 फीसदी शहरों में हवा साफ, नंदेसरी सहित पांच फीसदी में हालात चिंताजनक

वहीं दूसरी तरफ आज देश में नंदेसरी की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 231 दर्ज किया गया है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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भारत में बढ़ते मानसून के साथ प्रदूषण में भी गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 27 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश में महज 4.5 फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक है।

वहीं 55 फीसदी से अधिक शहरों की हवा साफ है। इसी तरह करीब 40 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

रुझानों पर नजर डालें तो आज देश में एक बार फिर नंदेसरी की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 231 दर्ज किया गया है। बता दें कि इस दौरान नंदेसरी की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी थे। वहीं दूसरी तरफ आज शिलांग की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 7 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 32 गुणा खराब है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मानकों से तुलना करें तो नंदेसरी में प्रदूषण 1,440 फीसदी अधिक है।

वहीं प्रदूषण के मामले में लुधियाना (147) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (139) तीसरे स्थान पर है। अमृतसर भी 129 अंकों के साथ चौथे स्थान पर बना हुआ है। कमोबेश गुम्मिडिपूंडी में भी ऐसी ही स्थिति है, जो 125 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर है। इसी तरह मंडी गोबिंदगढ़ (124) छठे, जबकि बद्दी (109) सातवें स्थान पर है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज इंफाल (109), ग्रेटर नोएडा (102) और जैसलमेर (101) भी शामिल हैं।

आंकड़ों से पता चला है कि देश में जहां नंदेसरी, लुधियाना, बर्नीहाट, अमृतसर, मंडी गोबिंदगढ़ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं गुम्मिडिपूंडी, बद्दी, ग्रेटर नोएडा, जैसलमेर आदि शहरों की हवा पीएम10 से चिंताजनक बनी हुई है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश में अगरतला सहित 121 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तुमकुरु, वाराणसी आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में 19 अंकों के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 76 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में आज भी हवा संतोषजनक है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 86 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में कोहिमा, कोटा, लखनऊ, महाड, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विरार आदि शहर शामिल हैं।

हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जोकि चिंता का विषय है।

अमृतसर सहित देश के नौ शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इन शहरों में बद्दी, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, जैसलमेर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़ शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 121 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 जून 2025 को यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया था।

9 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (231) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल बूंदी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 318 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 19 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 76 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज अमृतसर चौथे स्थान पर है, वहीं लुधियाना (147) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (139) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 54, गाजियाबाद में 71, गुवाहाटी में 36, गुरूग्राम में 59, नोएडा में 74, ग्रेटर नोएडा में 102 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 67, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 49, हैदराबाद में 70, जयपुर में 47 और पटना में 82 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 121 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलगाम, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, हावड़ा, हुबली, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तुमकुरु, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, बारां, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दिल्ली, धारवाड़, धुले, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कानपुर, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, महाड, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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