फरीदाबाद में सुधरी हवा, घटकर 32 पर पहुंचा एक्यूआई, 152 अन्य शहरों में बेहतर है स्थिति

देश में गंगटोक की हवा सबसे ज्यादा साफ है, वहीं दूसरी तरफ गुवाहाटी में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है
फरीदाबाद में सुधरी हवा, घटकर 32 पर पहुंचा एक्यूआई, 152 अन्य शहरों में बेहतर है स्थिति
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फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में भारी गिरावट आई है, जहां 31 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता संतोषजनक से बेहतर श्रेणी में पहुंच गई है।

इसी तरह दिल्ली में भी कल के मुकाबले वायु गुणवत्ता में सुधार जरूर आया है, हालांकि वहां अब भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। गौरतलब है कि छह अंकों की गिरावट के साथ दिल्ली में एक्यूआई 64 पर पहुंच गया है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक फरीदाबाद की तरह ही देश के 152 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, करौली, कारवार, कटिहार, कटनी, किशनगंज आदि शहर शामिल हैं।

वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि देश में गंगटोक की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआ 19 दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ गुवाहाटी में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा, जहां एक्यूआई 136 दर्ज किया गया है। मतलब की वहां की हवा गंगटोक की तुलना में सात गुणा ज्यादा खराब है। इसके बावजूद देश के एक भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' नहीं है।

आंकड़ों के अनुसार देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुवाहाटी, दुर्गापुर, जलना, रायचुर, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर, इंफाल, करनाल, विशाखापत्तनम, अररिया शामिल थे। मतलब की कहीं न कहीं बड़े शहरों को पीछे छोड़ प्रदूषण के मामले में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। इसी तरह देश के सात शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में दुर्गापुर, गुवाहाटी, इंफाल, जलना, रायचुर, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 30 फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली की तरह ही देश के 71 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, कैथल, कलबुर्गी, कानपुर, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, लुधियाना, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नारनौल, पाली, पलवल, पानीपत, परभनी, पटना, पुदुचेरी, राजसमंद, राउरकेला, रूपनगर, सतना, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल थे। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलकर देखें तो देश के 66 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं करीब 31 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है, जबकि तीन फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से 153 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया था। सात शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में गुवाहाटी (136) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 130 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (64) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से छह अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 32, गाजियाबाद में 56, गुरुग्राम में 35, नोएडा में 50, ग्रेटर नोएडा में 76 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 41 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 42, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 39, हैदराबाद में 52, जयपुर में 43 और पटना में 59 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 153 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, बदलापुर, बागलकोट, बागपत, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दौसा, देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, करौली, कारवार, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पंचकुला, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अहमदनगर, अकोला, अम्बाला, अमृतसर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बारबिल, बैरकपुर, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बर्नीहाट, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दिल्ली, देवास, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, कैथल, कलबुर्गी, कानपुर, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, लुधियाना, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नारनौल, पाली, पलवल, पानीपत, परभनी, पटना, पुदुचेरी, राजसमंद, राउरकेला, रूपनगर, सतना, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, उज्जैन, उल्हासनगर, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 71 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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