
अगरतला आज लगातार तीसरे दिन प्रदूषण के मामले में अव्वल है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 12 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगरतला में वायु गुणवत्ता सूचकांक 309 दर्ज किया गया है। कल से देखें तो वहां प्रदूषण के स्तर में 26 अंकों का इजाफा हुआ है। आज भी अगरतला की हवा में ओजोन का स्तर हावी है।
बता दें कि अगरतला को छोड़कर देश में एक भी शहर ऐसा नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता खराब या बेहद खराब हो।
आंकड़ों से पता चला है कि 187 अंकों के साथ प्रदूषण के मामले में दौसा दूसरे स्थान पर है। वहीं बद्दी (183) तीसरे जबकि जयपुर (180) चौथे स्थान पर है। मेरठ भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 174 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बीकानेर (171) छठे, जबकि हाजीपुर (170) सातवें स्थान पर है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। दिल्ली में चार अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 162 पर पहुंच गया। दिल्ली-हाजीपुर में भी ओजोन पूरी तरह हावी था। इसी तरह बुलन्दशहर (161) और मंगुराहा (157) भी दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
इस दौरान दौसा, बीकानेर में प्रदूषण के बेहद महीन कण पीएम10 हावी रहे।
वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 10 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 30 गुणा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही देश के 36 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में दमोह, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, सलेम, सिलचर, शिवसागर, सूरत आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 48 फीसद का इजाफा हुआ है।
रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 128 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, परभनी, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।
कल संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।
विश्लेषण में सामने आया है कि देश के करीब 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 24 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं। करीब 59 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
देश में आज बाड़मेर सहित 52 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। छपरा, कटक, दौसा, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनूं, कल्याण, करौली, क्योंझर, खुर्जा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंगुराहा, मेरठ आदि शहर शामिल हैं। कल से इन शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 मई 2025 को यह आंकड़ा 140 दर्ज किया गया था।
52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (309) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल भी अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 283 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही चार अंकों के इजाफे के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 162 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जयपुर चौथे स्थान पर है, वहीं दौसा (187) दूसरे, जबकि बद्दी (183) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 87, गाजियाबाद में 136, गुवाहाटी में 51, गुरूग्राम में 92, नोएडा में 125, ग्रेटर नोएडा में 104 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 108, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 132, हैदराबाद में 69, जयपुर में 180 और पटना में 139 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, बेलापुर, भिलाई, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, सलेम, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, परभनी, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 128 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
अगरतला आज लगातार तीसरे दिन प्रदूषण के मामले में अव्वल है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 12 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगरतला में वायु गुणवत्ता सूचकांक 309 दर्ज किया गया है। कल से देखें तो वहां प्रदूषण के स्तर में 26 अंकों का इजाफा हुआ है। आज भी अगरतला की हवा में ओजोन का स्तर हावी है।
बता दें कि अगरतला को छोड़कर देश में एक भी शहर ऐसा नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता खराब या बेहद खराब हो।
आंकड़ों से पता चला है कि 187 अंकों के साथ प्रदूषण के मामले में दौसा दूसरे स्थान पर है। वहीं बद्दी (183) तीसरे जबकि जयपुर (180) चौथे स्थान पर है। मेरठ भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 174 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बीकानेर (171) छठे, जबकि हाजीपुर (170) सातवें स्थान पर है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। दिल्ली में चार अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 162 पर पहुंच गया। दिल्ली-हाजीपुर में भी ओजोन पूरी तरह हावी था। इसी तरह बुलन्दशहर (161) और मंगुराहा (157) भी दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
इस दौरान दौसा, बीकानेर में प्रदूषण के बेहद महीन कण पीएम10 हावी रहे।
वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 10 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 30 गुणा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही देश के 36 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में दमोह, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, सलेम, सिलचर, शिवसागर, सूरत आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 48 फीसद का इजाफा हुआ है।
रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 128 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, परभनी, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।
कल संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।
विश्लेषण में सामने आया है कि देश के करीब 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 24 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं। करीब 59 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
देश में आज बाड़मेर सहित 52 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। छपरा, कटक, दौसा, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनूं, कल्याण, करौली, क्योंझर, खुर्जा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंगुराहा, मेरठ आदि शहर शामिल हैं। कल से इन शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 मई 2025 को यह आंकड़ा 140 दर्ज किया गया था।
52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (309) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल भी अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 283 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही चार अंकों के इजाफे के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 162 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जयपुर चौथे स्थान पर है, वहीं दौसा (187) दूसरे, जबकि बद्दी (183) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 87, गाजियाबाद में 136, गुवाहाटी में 51, गुरूग्राम में 92, नोएडा में 125, ग्रेटर नोएडा में 104 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 108, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 132, हैदराबाद में 69, जयपुर में 180 और पटना में 139 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, बेलापुर, भिलाई, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, सलेम, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, परभनी, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 128 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।