प्रदूषण के मामले में आज अगरतला-काशीपुर रहे अव्वल, वहीं कुंजेमुरा में सबसे साफ रही हवा

राजधानी दिल्ली में कल के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 अंक गिरकर 91 पर पहुंच गया है
Illustration: Tarique Aziz
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देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ अगरतला में हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 312 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है। प्रदूषण के मामले में काशीपुर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 198 पर पहुंच गया है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चेंगलपट्टू, बेगूसराय, मंडी गोबिंदगढ़, ग्रेटर नोएडा, जलना, छपरा, बुलन्दशहर, बिहारशरीफ शामिल थे। दूसरी तरफ देश में कुंजेमुरा (18) और पालकालाइपेरुर (18) में स्थिति सबसे ज्यादा बेहतर है।

यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना कुंजेमुरा से करें तो वहां हवा में घुला जहर 16 गुणा ज्यादा है।

इन दोनों शहरों की तरह ही देश के 113 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में बेलापुर, भरतपुर, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, गडग, गांधीनगर, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, इंदौर, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कारवार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता आदि शहर शामिल थे।

कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली में कल के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 अंक गिरकर 91 पर पहुंच गया है। इसी तरह पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से एक्यूआई में 17 अंकों की गिरावट आई है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक बना हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 95 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, करनाल, खन्ना, किशनगंज, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, आदि शहर शामिल थे।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 21 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में बद्दी, बल्लभगढ़, बेगूसराय, बिहारशरीफ, बुलन्दशहर, चेंगलपट्टू, छपरा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, इंफाल, जलना, काशीपुर, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरपुर, पटना, रायचुर, समस्तीपुर, उदयपुर शामिल थे। कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलकर देखें तो देश के 49 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 41 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक है, जबकि करीब दस फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक बना हुआ है, इनमें अगरतला अव्वल है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से 116 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 91 दर्ज किया गया था। 21 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (312) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (91) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 11 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 75, गाजियाबाद में 105, गुरुग्राम में 105, नोएडा में 94, ग्रेटर नोएडा में 159 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 66, चेन्नई में 41, चंडीगढ़ में 66, हैदराबाद में 58, जयपुर में 54 और पटना में 107 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 116 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, गडग, गांधीनगर, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, इंदौर, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कारवार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पलवल, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उडुपी, वापी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर, यमुनानगर, शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अम्बाला, अमृतसर, आसनसोल, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, दमोह, दौसा, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, करनाल, खन्ना, किशनगंज, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नोएडा, पाली, पानीपत, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, रूपनगर, सागर, सहरसा, सतना, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, टेन्सा, थूथुकुडी, तुमकुरु, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, विरार, वृंदावन, आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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