साफ हवा वाले शहरों में 13 फीसद की गिरावट, जयपुर में 243 दर्ज एक्यूएआई

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के 25 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 20 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में आज जयपुर की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 243 दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 29 मई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि कल से जयपुर की वायु गुणवत्ता में 115 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु  गुणवत्ता का स्तर मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गया है।

गौरतलब है कि कल देश में जैसलमेर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 344 दर्ज किया गया था। कल से देखें तो जैसलमेर की वायु गुणवत्ता में 124 अंकों का सुधार हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के 25 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 20 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक है। देश के 55 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

प्रदूषण के मामले में आज झुंझुनूं (228) दूसरे जबकि चुरू (221) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 220 अंकों के साथ जैसलमेर चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 220 दर्ज किया गया है। राउरकेला में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 214 दर्ज किया गया है।

आज देश के पांच शहरों में हवा खराब बनी हुई है। वहीं कल खराब हवा वाले शहरों का आंकड़ा दो दर्ज किया गया था।

प्रदूषित शहरों में आज बद्दी (199) छठे जबकि विशाखापत्तनम (190) सातवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज पाली (185), सीकर (175) और हनुमानगढ़ (173) भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि देश में जयपुर, झुंझुनूं, चुरू, जैसलमेर, पाली, सीकर, हनुमानगढ़, दौसा, क्योंझर, बीकानेर, ग्रेटर नोएडा, नागौर आदि में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे। वहीं राउरकेला, भिवाड़ी, चंडीगढ़ आदि में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक रही। दूसरी तरफ बद्दी, दिल्ली, बागपत, गुरूग्राम आदि में ओजोन का स्तर हावी रहा।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई पांच दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर जयपुर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 47 गुणा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के 53 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मिलुपारा, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नमक्कल, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग आदि शहर शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों से पता चला है कि देश में आगरा सहित 118 शहरों में वायु गुणवत्ता बनी हुई है।

इन शहरों में धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। हालांकि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 37 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, छपरा, दौसा, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, क्योंझर, खुर्जा, कोटा, लुधियाना, मेरठ, मुजफ्फरनगर आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 215 में से 54 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 मई 2025 को यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था।

38 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में जयपुर (243) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल जैसलमेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 344 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 20 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 171 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जैसलमेर चौथे स्थान पर है, वहीं झुंझुनूं (228) दूसरे, जबकि चुरू (221) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 80, गाजियाबाद में 135, गुवाहाटी में 45, गुरूग्राम में 154, नोएडा में 135, ग्रेटर नोएडा में 145 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 86, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 142, हैदराबाद में 79, जयपुर में 243 और पटना में 105 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 54 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, आरा, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बिलासपुर, बर्नीहाट, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, दावनगेरे, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मिलुपारा, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नमक्कल, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, वेल्लोर, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बारबिल, बरेली, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सिरोही, सिवान, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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