नदियों के डेल्टा का आकार बदलने के लिए कौन है जिम्मेवार?

दुनिया भर में लगभग 11,000 डेल्टा है। इन डेल्टाओं के सहारे नदी के जल निकासी घाटियों, गाद के प्रवाह, लहर, जलवायु और ज्वार की रेंज की जानकारी हासिल की जा सकती है
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एक नए अध्ययन में बताया गया है कि कैसे दुनिया भर में नदियों का डेल्टा का आकार बदल रहा है। अध्ययन में इसके लिए इंसानी गतिविधियां और जलवायु परिवर्तन को दोषी माना गया है। हालांकि इन बदलते डेल्टाओं के नुकसान और फायदे दोनों है। डेल्टा उस भूभाग को कहा जाता है, जो नदियों द्वारा लाई गई गाद (सेडमन्ट) से बनता है। यह मुख्यतः नदी के उस मुहाने पर बनता है, जहां वह किसी समुद्र अथवा झील में गिरती है। इस भूभाग का आकार आम तौर पर त्रिभुजाकार होता है।

नदियों के डेल्टा पृथ्वी पर सबसे अधिक आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से बेशकीमती है। समुद्र के स्तर में वृद्धि न होने पर भी डेल्टाओं पर खतरा बढ़ रहा है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन की वजह से चरम मौसम की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे गाद (सेडमन्ट ) के प्रवाह में परिवर्तन होता हैं, जो डेल्टा की आकृति को प्रभावित करती हैं, जिसमें डेल्टा का कटाव भी शामिल है। यह अध्ययन नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

डच और अमेरिकी टीम द्वारा किए गए इस अध्ययन में तुलाने विश्वविद्यालय के शोधकर्ता शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने दिखाया कि नदी का प्रवाह, लहरों और ज्वार कैसे नदी के मुहाने और उनके संबंधित डेल्टा के आकार को बदल सकते हैं। इससे भूमि को लाभ और नुकसान दोनो हो सकते है। अध्ययन से पता चलता है कि विश्व स्तर पर कई डेल्टा आज भी भूमि का निर्माण कर रहे हैं, लेकिन समुद्र के स्तर में वृद्धि और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण इस दौर के जारी रहने की संभावना कम है।

दुनिया भर में लगभग 11,000 डेल्टा है। इन डेल्टाओं के सहारे, वर्तमान में उपलब्ध वैश्विक डेटासेट की मदद से नदी के जल निकासी घाटियों, गाद के प्रवाह, लहर, जलवायु और ज्वार की रेंज की जानकारी हासिल की जा सकती है। टोबाने में वोग्स जियोलॉजी प्रोफेसर और सह-अध्ययनकर्ता टॉब्जन ने कहा कि, इस अध्ययन के रोमांचक पहलुओं में से एक यह है कि, यह नए विकसित सिद्धांत के आधार पर डेल्टा के आकार का पूर्वानुमान लगाने का सबसे बेहतर तरीका प्रदान करता है।

नीदरलैंड में यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय में एक सहायक प्रोफेसर और प्रमुख अध्ययनकर्ता जैप निएनहुइस ने सिद्धांत के उस हिस्से को विकसित किया है, जो डेल्टा पर ज्वार के प्रभाव का पूर्वानुमान लगाता है।

शोधकर्ताओं ने हाल ही में विकसित उपकरण का उपयोग किया, जिसे एक्वा मॉनीटर के रूप में जाना जाता है। इसकी सहायता से सैटेलाइट इमेजरी से पिछले 30 वर्षों में भूमि को हुई हानि और लाभ के बारे में जाना जाता है। इससे पता चलता है कि मिसिसिपी डेल्टा सहित दुनिया भर में लगभग 1,000 डेल्टाओं का कटाव हो रहा है। लगभग 1,500, डेल्टा अधिकांश दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित हैं। नदियों से बहने वाले बढ़े हुए गाद के कारण डेल्टा बढ़ रहे हैं। यह मुख्य रूप से वनों की कटाई के कारण हो रहा है, वनों की कटाई भूमि के कटाव की दर को बढ़ाता है।

यह अध्ययन ऐसी जानकारी भी प्रदान करता है, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के लोग जो विशेष रूप से भूमि निर्माण में रुचि रखते है, जैसे मिसिसिपी डेल्टा - जहां तटीय भूमि के पुनर्निर्माण की तलाश की जा रही है। नई भूमि के प्रत्येक वर्ग फुट बनने के लिए औसतन, लगभग 150 घन फीट गाद की जरूरत होती है। 1 फीसदी डेल्टा से 30 फीसदी भूमि क्षेत्र बढ़ता है।

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