नियमों के दायरे में रहकर किया जाना चाहिए मासी उत्सव का आयोजन: मद्रास उच्च न्यायालय

दो जनवरी, 2024 को दिए अपने निर्देश में अदालत ने कहा है कि रिजर्व की सुरक्षा के लिए अधिकारियों की जो योजनाएं हैं, उन्हें त्योहार के दौरान लागू किया जाना चाहिए
फोटो: आईस्टॉक
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मद्रास उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में आयोजित होने वाले मासी उत्सव के दौरान रिजर्व की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। गौरतलब है कि मासी उत्सव करुवन्नारयार मंदिर में आयोजित किया जाता है जोकि सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के मुख्य भाग में स्थित है।

इस बारे में दो जनवरी, 2024 को दिए अपने निर्देश में अदालत ने कहा है कि रिजर्व की सुरक्षा के लिए अधिकारियों की जो योजनाएं हैं, उन्हें त्योहार के दौरान लागू किया जाना चाहिए। बता दें कि यह त्योहार फरवरी 2024 में मनाया जाएगा।

इस मामले में अगली सुनवाई 15 मार्च, 2024 को होगी। अदालत ने इस मामले में अधिकारियों से जानकारी देने को कहा है साथ ही रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात भी कही है। याचिकाकर्ता का कहना है कि मंदिर उत्सव जिसे मासी उत्सव भी कहा जाता है, उसके दौरान, नियमों का ताक पर रख बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं, और अधिकारी इस भीड़ को उचित तरीके से नियंत्रित नहीं कर पाते हैं।

याचिकाकर्ता का कहना है कि इस स्थान पर उत्सव के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु (50,000 तक) एकत्र होते हैं, जिसकी वजह से बहुत अधिक प्रदूषण होता है। यह लोग उसी स्थान पर खाना पकाते है और रात भर रुकते हैं। वे अपने साथ शराब की बोतलें भी लाते हैं और आग जलाने के लिए वन को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में उनके मुताबिक अधिकारी सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं।

हालांकि अधिकारियों ने अदालत को सूचित किया है कि मासी उत्सव में करीब पांच से सात हजार तीर्थयात्री ही शामिल होते हैं और तीर्थयात्री वहां रात के समय नहीं रुकते हैं। उनके मुताबिक यह मंदिर सदियों से अस्तित्व में है और उसके बाद सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आया। टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अधिकारियों द्वारा सभी प्रयास किए जाते हैं।

मुख्य वन संरक्षक और इरोड में सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के फील्ड निदेशक, करुवन्नारयार मंदिर महोत्सव की अनुमति देते हैं। वे यह अनुमति सत्यमंगलम वन प्रभाग के उप निदेशक के पत्र में तय शर्तों के आधार पर देते हैं। ऐसे में महोत्सव के दौरान बाघ संरक्षण योजना के नियमों और अन्य दिशानिर्देशों का भी पालन किया जाना चाहिए।

अधिकारियों के अनुसार त्योहार के दौरान, केवल मंदिर प्रशासकों को ही मंदिर परिसर में रात भर रुकने की अनुमति है। वहीं बाकि श्रद्धालु केवल उत्सव के दिन ही मंदिर परिसर में रुक सकते हैं। नियमों के अनुसार एक निगरानी समिति यह सुनिश्चित करेगी कि श्रद्धालु शाम पांच बजे से पहले वन क्षेत्र को छोड़ दें और उत्सव के अंतिम दिन कराचीकोरई चेक पोस्ट को पार करें। चेक पोस्ट पर हर दिन अधिकतम 100 वाहनों का ही जांच कर उन्हें उत्सव में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उत्सव में शामिल लोग इस दौरान जंगल में रहने, लकड़ी जलाने, कचरा फेंकने या मोयार नदी के पानी को दूषित करने जैसे काम न करें।

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