मछुआरों के हुक में फंसने से खतरे में पड़ी टारपोन मछलियां बन रही हैं शार्क का निवाला

एक शोध में कहा गया है कि हुक में पांच मिनट से अधिक फंसी रहने वाली टारपोन मछली हैमरहेड शार्क का शिकार आसानी से बन जाती है
हैमरहेड शार्क, फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, अल्बर्ट कोक
हैमरहेड शार्क, फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, अल्बर्ट कोक
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मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय के जीव विज्ञानी के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने टारपोन मछली की घटती आबादी को लेकर एक चौकाने वाला खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने शोध के द्वारा पता लगाया कि टारपोन की गिरती आबादी के पीछे सीधे हैमरहेड शार्क नहीं बल्कि मछुआरों द्वारा मछली पकड़ने के लिए लगाए गए हुक हैं।

शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि 15.3 फीसदी टारपोन मछलियां जो मछुआरों द्वारा फंसाए गए थे अपने आपको हुक से छुड़ाने के लिए पांच मिनट से अधिक समय तक संघर्ष करते रहे, इसी दौरान उन्हें लाइन पर रहते हुए ही खा लिया गया।

शोधकर्ता यह भी बताते हैं कि यह जरूरी नहीं है कि यह पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन से बाहर होने का संकेत है। इसके विपरीत, नष्ट होने की दर में और वृद्धि होने आसार हैं, विशेष रूप से ग्रेट हैमरहेड शार्क के रूप में, जिन्हें इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) द्वारा गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। दशकों के संरक्षण और प्रबंधन प्रयासों के चलते उनकी आबादी दक्षिण पूर्वी अमेरिका में स्थिर हो रही है।

वर्तमान में मछली पकड़ना एक तेजी से लोकप्रिय होता खेल है, जिसका अर्थ है कि मानव-मछली-शार्क मुठभेड़ की अधिक आशंका है। टारपोन मत्स्य पालन और हैमरहेड आबादी दोनों के स्वास्थ्य का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए, शोधकर्ता ऐसे समाधानों का आग्रह करते हैं जो किसी भी प्रजाति को प्रभावित न करें। यह शोध मरीन एंड कोस्टल फिशरीज नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है

टारपोन दक्षिण-पूर्वी और खाड़ी राज्यों में सबसे प्रतिष्ठित खारे पानी की मछलियों में से एक है। कई मछुआरे अपना जीवन ऐसे टारपोन को फंसाने का सपना देखते हुए बिताते हैं जो आसानी से 100 पाउंड से अधिक की हो सकती है। जो कि भारी संघर्ष करने के लिए जानी जाती हैं, अक्सर इन्हें पकड़े जाने वाले हुक को हिलाने के अपने प्रयासों में ये पानी से पूरी तरह से साफ छलांग लगाती हैं। टारपोन मत्स्य पालन, जो अमेरिका में टेक्सास से कैरोलिना  तक फैला हुआ है, हर साल कई लाख डॉलर का उद्योग है और मछली स्थानीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई है।

टारपोन को आईयूसीएन द्वारा "खतरे वाली प्रजाति" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और उनकी आबादी अत्यधिक मछली पकड़ने, पानी की खराब गुणवत्ता और निवास स्थान के नुकसान से प्रभावित हुई है। हाल ही में पता चला है कि टारपोन मछली पकड़ते समय शार्क बड़ी मात्रा में उनका शिकार कर रही हैं, इससे वास्तव में प्रजातियों के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो सकता है। लेकिन, अब तक, विनाश की दर क्या हो सकती है, इस पर कोई ठोस आंकड़े नहीं है, जिससे टारपोन या हैमरहेड के बारे में संरक्षण संबंधी निर्णय लेना मुश्किल होता जा रहा है।

विनाश की दर पर पहुंचने के लिए और फिर एक विशिष्ट क्षेत्र के माध्यम से टारपोन और शार्क दोनों की वार्षिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए, आपको कुछ चीजों की आवश्यकता है, उच्च तकनीक ध्वनिक टेलीमेट्री उपकरण, मजबूत मछली पकड़ने का गियर और एक आरामदायक लॉन और कुर्सी।

ध्वनिक टेलीमेट्री ने हाल ही में प्रवासी समुद्री प्रजातियों पर नजर रखने की वैज्ञानिकों की क्षमता में क्रांति ला दी है। इस तकनीक में पानी में एक ध्वनिक रिसीवर को स्थापित करना होता है और जिस पर भी आप नजर रखना चाहते हैं उसमें एक छोटा ट्रांसमीटर लगाना होता है।

इस मामले में, प्रमुख शोधकर्ता ग्रेस कैसलबेरी, यूमैस एमहर्स्ट के शोधकर्ता और उनके सहयोगियों ने बाहिया होंडा चैनल में 16 रिसीवर स्थापित किए। फिर उन्होंने 51 टारपोन और 14 हैमरहेड शार्क को पकड़ा और टैग किया। दो वर्षों से अधिक समय के दौरान, जब भी टैग किए गए टारपोन या हैमरहेड में से कोई एक रिसीवर की सीमा के भीतर तैरता है, तो रिसीवर उस जानवर की विशिष्ट आईडी, दिनांक और समय की जानकारी को दर्ज कर लेता है।

शोध के हवाले से कैसलबेरी कहते हैं, दिन भर दूरबीन और एक लंबे लेंस वाले कैमरे के माध्यम से लोगों को मछली पकड़ते हुए देखता रहा। हर बार जब कोई टारपोन का हुक लगाता था, तो मैं हर समय इसे रिकॉर्ड करता था। ज्वार के समय, कौन सी नावें मछली पकड़ रही थीं, क्षेत्र में कितने मछुआरे थे, उन्हें अपनी नाव पर टारपोन लाने में कितना समय लगा और हैमरहेड शार्क ने मछली को खाया या नहीं। मैंने कुल मिलाकर 394 टारपोन को फंसा हुआ देखा।

उन सभी आंकड़ों के साथ, शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि जितनी देर तक मछुआरे टारपोन मछली को पकने में संघर्ष करते थे, उतने ही अधिक उसे खा लिए जाने के आसार होते थे। मछली के हुक में फंसने के बाद जब संघर्ष पांच मिनट से अधिक समय तक चलता, तो 15.3 फीसदी तक टारपोन मछली को हैमरहेड शार्क द्वारा खाए जाने की आशंका होती है।

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