बाघ एशिया के प्रमुख शिकारी हैं और शायद धरती पर सबसे अधिक पहचानी जाने वाली प्रजातियां हैं। बाघों की आबादी में वृद्धि काफी हद तक दक्षिण और पूर्वी एशिया में संरक्षित क्षेत्रों में मजबूत संरक्षण कार्यक्रम की देन है और भारत द्वारा इसमें अहम भूमिका निभाई गई है। कुछ दिनों पहले भारत में बाघों की संख्या के 3,167 होने की घोषणा की गई।
संरक्षण जीव विज्ञानी डॉ. थॉमस ग्रे ने कहा कि, खतरे में पड़ी एशियाई प्रजातियों की फिर से बहाली करना बहुत जरूरी है। जिन इलाकों से बाघ गायब हो गए हैं, उन्हें कैसे पुनर्स्थापित किया जा सकता है ताकि जैव विविधता की बड़े पैमाने पर बहाली की जा सके। डॉ. थॉमस ग्रे, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ टाइगर्स अलाइव इनिशिएटिव में टाइगर रिकवरी की अगुवाई कर रहे हैं।
बाघ एशिया के विशाल क्षेत्रों में पाए जाते थे, तुर्की के काला सागर से लेकर कोरियाई प्रायद्वीप तक और दक्षिण में दक्षिण-पूर्व एशिया के वर्षा वनों से होते हुए जावा और बाली के द्वीपों तक। हालांकि, सदियों के उत्पीड़न और निवास स्थान के नुकसान के कारण, वर्तमान में बाघ इस ऐतिहासिक सीमा के केवल एक छोटे से हिस्से तक सीमित रह गए हैं।
अधिक बाघ, लेकिन कठिन परिस्थितियां
2010 से, एशियाई चंद्र कैलेंडर के तहत 'बाघ वर्ष', बाघ संरक्षण पर दुनिया भर में काफी ध्यान दिया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि 2022 आईयूसीएन की रेड लिस्ट असेसमेंट में बाघों की संख्या में गिरावट नहीं आने की बात कही गई, दुनिया में लगभग 4,500 जंगली बाघों का अनुमान है।
दुनिया भर में बाघों की आबादी बढ़ने के बावजूद, प्रजातियां पहले से कहीं कम जगहों पर पाई जाती हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया में एक स्थानीय जीव विज्ञानी के रूप में, हमने कंबोडिया और लाओस जैसे पूरे राष्ट्रों के साथ-साथ थाईलैंड में कुइबुरी नेशनल पार्क जैसे क्षेत्र के कई संरक्षित क्षेत्रों से बचे हुए बाघों को गायब होते देखा है। बाघ अब केवल 10 देशों में पल रहे है, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड और रूस शामिल हैं।
यदि हमें बाघों को फिर से बहाल करना है, तो हमें प्रजातियों की व्याप्त सीमा का विस्तार करने की जरूरत पड़ेगी। उन जगहों की पारिस्थितिकी जहां बाघ पाए जाते हैं, विश्व स्तर पर प्रजातियों को फिर से बहाल करने के लिए आवश्यक हैं।
यूरोप और उत्तरी अमेरिका के कई हिस्सों में मांसाहारी आबादी ने दोनों के दोबारा, यानी या तो कैप्टिव-नस्ल या जंगल में पकड़े गए मांसाहारियों को उन परिदृश्यों में छोड़ दिया है जहां से वे गायब हो गए थे या इन वन्य जीवों ने अपनी सीमा का विस्तार किया है।
प्राकृतिक तौर पर सीमा विस्तार की यह प्रक्रिया पहले से ही रूस के सुदूर पूर्व के बाघों में देखी जा रही है, जो उत्तर-पूर्वी चीन के आस-पास के क्षेत्रों में फैलने और नई प्रजनन आबादी स्थापित करने के लिए जाने जाते हैं। इस बीच भारत में बाघों के दोबारा बहाल करने, जैसे कि मध्य भारतीय बाघ परिदृश्य में पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी और वितरण में तेजी से वृद्धि हुई है।
बाघों की सीमा में विस्तार के अवसर
डॉ. थॉमस ग्रे ने बताया कि, फ्रंटियर्स इन कंजर्वेशन साइंस में प्रकाशित शोध में, मैंने सहयोगियों के साथ किलकर इस बात की जांच की कि बाघों की विशाल ऐतिहासिक श्रृंखला में और कहां-कहां प्रजातियों के लौटने के अवसर हैं। वर्तमान में जिन इलाकों पर कब्जा किया गया है उनको प्राकृतिक फैलाव के माध्यम से या बाघों को दोबारा छोड़ने के माध्यम से सरकारों और संरक्षण एजेंसियों द्वारा किस तरह कार्यान्वित किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 1,290,000 वर्ग किमी से अधिक पुरानी टाइगर रेंज में बाघों के कब्जे वाले स्थानों के समान विशेषताएं हैं। ये रेंज विस्तार परिदृश्य 14 देशों में पाए जाते हैं, 10 देश जिनमें वर्तमान में बाघों के प्रजनन वाली जगहों में कजाकिस्तान, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम भी शामिल हैं।
बाघों की सीमा विस्तार और संरक्षण के लिए एक ऐसा अवसर है जो न केवल बाघों को फिर से बहाल करने में मदद करेगा बल्कि दुनिया भर में नए जैव विविधता ढांचे के लक्ष्यों को भी पूरा करेगा। शोधकर्ता ने बताया कि पहचाने गए सीमा विस्तार परिदृश्यों में से 20 फीसदी से कम वर्तमान में औपचारिक संरक्षित क्षेत्रों के भीतर हैं।
अन्य प्रभावी क्षेत्र-आधारित संरक्षण उपायों को स्थापित करने और औपचारिक रूप देने के लिए स्थानीय लोगों के साथ साझेदारी करके इन परिदृश्यों को संरक्षित किया जा सकता है और इस प्रकार संरक्षित क्षेत्र की सीमा को बढ़ाने के 30 से 30 लक्ष्यों को हासिल करने में योगदान दिया जा सकता है।
बाघों के लिए भोजन सुनिश्चित करना
शोधकर्ताओं द्वारा पहचाने गए सभी परिदृश्यों में, यह समझने की आवश्यकता है कि वहां बाघ क्यों नहीं हैं और इन कारणों को दूर करने के लिए संरक्षण और सामाजिक कार्यक्रमों को लागू करना जरूरी है। बाघों की संख्या के ठीक होने में सबसे महत्वपूर्ण बाधाओं में से एक भोजन की कमी है।
एशिया के विशाल क्षेत्रों में शिकार, कई मामलों में अवैध वन्यजीव व्यापार द्वारा संचालन ने मुख्य बाघ के शिकार प्रजातियों, विशेष रूप से जंगली मवेशियों और बड़े हिरणों की आबादी को काफी कम कर दिया है।
उदाहरण के लिए, जबकि कोई भी एशियाई मांसाहारी विश्व स्तर पर गंभीर रूप से संकटग्रस्त नहीं है, अकेले दक्षिण-पूर्व एशिया में सात गंभीर रूप से लुप्तप्राय बाघों द्वारा शिकार की जाने वाली प्रजातियां हैं। इसके अतिरिक्त, बाघों द्वारा शिकार की जाने वाली आधी स्तनधारी प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है और लगभग 80 फीसदी की आबादी के घटने की आशंका है।
कई स्थानों पर बाघों की आबादी को ठीक करने के लिए शिकार की आबादी में वृद्धि की आवश्यकता होगी। यह विशेष रूप से बढ़ते शहरी मध्यम वर्गों के बीच वन्यजीव मांस की मांग को कम करने के लिए मजबूत कानून प्रवर्तन और संरक्षित क्षेत्र प्रबंधन, आवास बहाली या सक्रिय शिकार स्थानान्तरण और व्यवहार परिवर्तन अभियानों के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
दोबारा बहाली के अवसर
बाघों को फिर से बहाल करना सबसे जटिल बाघ संरक्षण गतिविधि है, लेकिन यह सफल हो सकती है। दुनिया भर में मांसाहारी की जगहों में बदलाव संबंधी सबक और लागू किए गए दृष्टिकोण इस सफलता को बढ़ा सकते हैं। कम से कम चार परिदृश्य जिन्हें हमने अपने विश्लेषण में पहचाना- कजाकिस्तान का इले-बल्कश डेल्टा, कंबोडिया के इलायची वर्षावन और पूर्वी मैदानी परिदृश्य, चीन और रूस के ग्रेटर खिंगन पर्वत-वर्तमान बाघों के फिर से बहाली करने की योजनाओं का केंद्र हैं। कजाकिस्तान में, जहां 2030 से पहले शुरुआती बाघों की रिहाई की योजना है, वे सबसे उन्नत हैं।
शोधकर्ता ने कहा हमारा मानना है कि बाघों के लिए एक व्यवहार्य और पारिस्थितिक रूप से भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वर्तमान आबादी को सुरक्षित करने और इनके रहने वाली सीमा का विस्तार करने की आवश्यकता है।
हम आशा करते हैं कि हमारे निष्कर्षों का उपयोग भविष्य में बाघों की सीमा विस्तार के लिए एक सक्रिय योजना योजना बनाने के लिए किया जा सकता है। इसमें वे दोनों स्थान शामिल होने चाहिए जिनमें बाघ स्वाभाविक रूप से विचरण कर सकते हैं और वे स्थान जो भविष्य में फिर से बहाली के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।
बाघों की फिर से बहाली, संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ा सकता है, अतिरिक्त आवास की रक्षा में मदद कर सकता है और संरक्षित आवास के विस्तार में मदद कर सकता है। इनमें से कुछ स्थानों पर संरक्षण के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने से उन्हें बाघ की वापसी के लिए तैयार किया जा सकता है, साथ ही महत्वपूर्ण संरक्षण परिदृश्यों को सुरक्षित किया जा सकता है जिससे लोगों और वन्यजीवों दोनों को लाभ हो सकता है। यह शोध फ्रंटियर्स इन कंज़र्वेशन साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।