भारत में दर्ज की गई पक्षियों की 1,036 प्रजातियां, दुनिया में तीसरी सबसे अधिक

द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, 538 पक्षी प्रजातियां दर्ज की गई। उत्तराखंड में 426, असम में 420, महाराष्ट्र में 403 प्रजातियों की जानकारी साझा की गई है
अंडमान वुडपेकर; फोटो: डेविड इरविंग/ मैकाले लाइब्रेरी
अंडमान वुडपेकर; फोटो: डेविड इरविंग/ मैकाले लाइब्रेरी
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द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) के 12वें वार्षिक आयोजन के प्रारंभिक परिणाम सामने आ चुके हैं, जिनके मुताबिक भारत में पक्षियों की 1,036 प्रजातियां दर्ज की गई, जो दुनिया में तीसरी सबसे अधिक हैं। इस दौरान कोलंबिया में सबसे ज्यादा 1,363 प्रजातियां दर्ज की गई उसके बाद इक्वेडोर में 1,130 पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई। वहीं ब्राजील 1,007 प्रजातियों के साथ चौथे स्थान पर रहा।

द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) 2024 का आयोजन 16 से 19 फरवरी के बीच किया गया। इस चार दिवसीय आयोजन में बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमियों, विधार्थियों और आम लोगों ने भाग लिया था। इस दौरान वैश्विक स्तर पर 3.18 लाख चेकलिस्ट और 7,895 प्रजातियां को रिकॉर्ड किया गया।

बता दें कि इस वैश्विक कार्यक्रम का आयोजन हर साल फरवरी में चार दिनों के लिए किया जाता है। भारत 2013 से इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहा है। इस आयोजन के दौरान देश-दुनिया के पक्षी प्रेमी अपने घरों के छत, आंगन, पार्कों और आसपास आने वाले पक्षियों की तस्वीरें ऑनलाइन प्लेटफार्म ई बर्ड पर अपलोड करते हैं। इनकी मदद से दुनिया भर में पक्षियों की प्रजातियों और विविधता का आंकलन किया जाता है।

पश्चिम बंगाल में दर्ज की गई सबसे अधिक पक्षी प्रजातियां

बर्ड काउंट इंडिया द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति से पता चला है कि इस साल चार दिनों में, भारतीय पक्षी प्रेमियों ने 60,810 चेकलिस्ट का योगदान दिया है, जो दुनिया में दूसरी सबसे अधिक हैं। गौरतलब है कि इस मामले में अमेरिका पहले स्थान पर है जिसने इस दौरान कुल 172,025 जांच सूचियां दर्ज की हैं। इनके बाद 25,420 चेकलिस्ट के साथ कनाडा तीसरे स्थान पर है।

गौरतलब है कि यह पहला जीबीबीसी है, जब देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पक्षी प्रेमियों ने इसमें हिस्सा लिया है। इस साल केरल में सबसे अधिक संख्या में चेकलिस्ट दर्ज की गईं, जिनकी कुल संख्या 14,023 रही। इसके बाद 13,661 चेकलिस्ट के साथ तमिलनाडु दूसरे, जबकि 5,725 सूचियों के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा। वहीं कर्नाटक में 5,140, मध्य प्रदेश में 3,260, पश्चिम बंगाल में 2,806 और उत्तराखंड में 2,234, जबकि राजस्थान में 1,961 सूचियां सबमिट की गई।

वहीं यदि प्रजातियों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, 538 पक्षी प्रजातियां दर्ज की गई। वहीं इसके बाद उत्तराखंड में 426, असम में 420, महाराष्ट्र में 403, अरुणाचल प्रदेश में 396, कर्नाटक में 387, तमिलनाडु में 358, गुजरात में 354, केरल में 340, आंध्र प्रदेश में 321, हिमाचल प्रदेश में 321 और राजस्थान में 305 प्रजातियां रिकॉर्ड की गई।

इस आयोजन में भारत की मजबूत भागीदारी इस तथ्य को स्पष्ट तौर पर उजागर करती है कि भारत में पक्षियों के लेकर आम लोगों में भी गहरी रूचि है। इसके साथ ही इतनी बड़ी संख्या में प्रजातियों का रिपोर्ट किया जाना भारत में पक्षियों की समृद्ध जैवविविधता पर भी प्रकाश डालता है।

बता दें कि इस साल भारतीय पक्षी प्रेमियों द्वारा देखी गई कुछ उल्लेखनीय प्रजातियों में अंडमान सर्पेंट-ईगल, अंडमान वुडपेकर, नीलगिरि लाफिंगथ्रश, व्हाइट-हेडेड स्टार्लिंग, नीलगिरि शोलाकिली, व्हाइट-बेलिड ब्लू फ्लाईकैचर, अंडमान ट्रीपी, फॉरेस्ट ओवलेट, बुगुन लिओसिचला और व्हाइट-बेलिड शोलाकिली शामिल रही।

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