जैव-विविधता पर जिनेवा में चल रहे सम्मेलन में 190 देशों के प्रतिनिधि, इसे होने वाले नुकसान को रोकने के वैश्विक उपायों को अंतिम रूप दे रहे हैं। सम्मेलन की बैठकों में जिस शब्द की अनुगूंज सबसे ज्यादा सुनाई दे रही है, वह है- ‘ विलुप्त होने वाली प्रजातियां’।