पर्यावरण मुकदमों की डायरी: हाथी पाव मसूरी में निर्माण से किया इंकार

पर्यावरण से संबंधित मामलों की सुनवाई का सार
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: हाथी पाव मसूरी में निर्माण से किया इंकार
Published on

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में उत्तराखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वानिकी बल), उत्तराखंड ने कि पार्क एस्टेट वन भूमि, हाथीपांव, मसूरी, देहरादून जिले में कोई नया निर्माण नहीं किया गया है। एनजीटी ने मुख्य वन संरक्षक को वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के उल्लंघन कर निर्माण करने के आरोपों की जांच करने के निर्देश दिए थे। यह रिपोर्ट अदालत के उसी आदेश के जवाब में है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में पुराने खराब हो चुकी सी.सी. सड़क जो नगर निगम, मसूरी के रिकॉर्ड के अनुसार 1943 से अस्तित्व में है।  इसी सड़क को ठीक किया गया है। सड़क का कोई नया निर्माण या सड़क का चौड़ीकरण या पेड़ों की कटाई नहीं हुई है। इसके अलावा, एक पुरानी इमारत - जॉर्ज एवरेस्ट हेरिटेज बिल्डिंग का जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है। 

नगर निगम ने एक प्रमाण पत्र भी जारी किया था जिसमें कहा गया था कि पुरानी इमारत और पुरानी मौजूदा मोटर सड़क का नवीनीकरण कार्य किया गया है जो 1980 से भी पहले से अस्तित्व में है। इसी तरह, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा भी एक प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि पुरानी सड़क का नवीनीकरण किया गया है। लेकिन इस उद्देश्य के लिए तो पेड़ों की कटाई हुई और ही सड़क का चौड़ीकरण हुआ है।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्धारित नियमों के तहत ही राज्य सरकार द्वारा कार्यों के पुनर्निर्माण और नवीकरण की अनुमति दी थी।

राधा कुंड और श्याम कुंड प्रदूषण के मामले में पर्यवेक्षण समिति से स्वतंत्र रिपोर्ट देने को कहा 

एनजीटी ने 21 जुलाई को मथुरा के ग्राम अरीता में राधा कुंड और श्याम कुंड के प्रदूषण के मामले को टालने के लिए मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण एमवीडीए) के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।

एमवीडीए ने कहा है कि इसी मामले को एनजीटी ने एक अन्य मामले के साथ 11 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। 

अदालत ने इस मुद्दे पर गौर करने और अपनी स्वतंत्र रिपोर्ट देने के लिए न्यायमूर्ति एस.वी.एस.राठौर की अध्यक्षता में एनजीटी द्वारा गठित पर्यवेक्षण समिति से पूछा है।

भूमि का अतिक्रमण हटा दिया गया है

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने एनजीटी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि गांव हैदरपुर में सरकारी भूमि का अतिक्रमण हटा दिया गया है। इसके बाद, इस क्षेत्र का सीमांकन किया गया।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in